सरकार को 13000 करोड़ रुपये का नुकसान सिगरेट तस्करी से

Related imageनई दिल्ली। किसान संगठन फेडरेशन आॅफ आॅल इण्डिया फार्मर्स एसोसिएशन एफएआईएफए ने कहा कि सिगरेट तस्करी की वजह से भारत को करीब 13 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है और संगठन ने तस्करी पर रोक लगाने की मांग की है। एफएआईएफए ने एक बयान में कहाए सिगरेट का अवैध व्यापार देश में सिगरेट उद्योग से 25 प्रतिशत ज्यादा है जोकि भारत को इस क्षेत्र में विश्व में तेजी से बढ़ता हुआ और सबसे बड़ा चैथा अवैध बाजार बनाता है।
एफआईएफ ने सरकार से देश के वैध तंबाकू उत्पादकों के हितों की रक्षा करने का आग्रह किया है।
कई वर्षो से राजस्व खुफिया निदेशालय अंतर्राष्ट्रीय सीमा से तस्करी कर लाए गए सिगरेट को जब्त करने की कार्रवाई कर रहा है। हालांकि उन्होंने अब तक जब्त सिगरेट और तंबाकू का आंकड़ा देने से इंकार कर दिया।
डीआरआई को पिछले दो वर्षो में जब्त सिगरेट की जानकारी के संबंध में भेजे गए मेल का कोई जवाब नहीं मिला।
आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और गुजरात में वाणिज्यिक फसल उगाने वाले लाखों किसानों का प्रतिनिधित्व करने वाले किसान संगठन एफएआईएफ ने कहा कि तंबाकू कर में बढ़ोतरी करने के निर्णय से हाल के वर्षो में सिगरेट तस्करी में इजाफा हुआ है।
एफएआईएफ के महासचिव मुरली बाबू ने कहा वित्त मंत्रालय द्वारा दिसंबर 2017 में संसद को साझा किए गए आंकड़े के अनुसार सिगरेट की तस्करी में बढ़ोतरी जब्त किए गए तस्करी कर लाए गए सिगरेट की संख्या में इजाफा होने से पता चलता है जिसकी संख्या वर्ष 2014-15 में 1,312 थी और वर्ष 2016-17 में यह 3,108 हो गई।
उन्होंने कहा यह जानना बहुत महत्वपूर्ण है कि जब्त सिगरेट की संख्या इस बड़े अभियान में छोटी पहल के समान है क्योंकि हर बार जब्ती अभियान में दर्जनों माल बिना किसी जांच के बच निकलते हैं।
मुरली बाबू ने कहा कि इस संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखा गया है।
उन्होंने कहा भारत को छोड़कर विश्व में किसी भी देश में जीवनयापन के लिए तंबाकू फसल पर इतनी बड़ी और व्यापक निर्भरता नहीं है।