भगौड़ा शातिर बस स्टैंड पर हेरोइन समेत काबू

पांच केसों में भगोड़ा शातिर बस स्टैंड पर हेरोइन समेत काबू

स्पेशल टास्क फोर्स ने गुप्त सूचना के आधार पर दबोचा
राज्य के सभी थानों में भेजा अलर्ट, आरोपी से की जा रही है पूछताछ
अमर उजाला ब्यूरो
मोहाली। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने एक ऐसे शातिर आरोपी को गुप्त सूचना के आधार पर 260 ग्राम हेरोइन समेत फेज-आठ बस स्टैंड से काबू किया है जो पांच एनडीपीएस केसों में भगोड़ा था। पंजाब पुलिस की टीमें आरोपी की तलाश में जुटी हुई थीं। आरोपी की पहचान प्रितपाल सिंह उर्फ बिट्टा उर्फ गंजा के रूप में हुई है। वह ड्रमों वाला बाजार, सुलतान विंड रोड अमृतसर (मौजूदा निवासी ज्ञानी जैल सिंह नगर, रोपड़) का रहने वाला है। आरोपी के खिलाफ फेज-चार स्थित एसटीएफ के थाने में केस दर्ज किया गया। उसे शनिवार अदालत में पेश किया जाएगा। एसटीएफ का कहना है कि आरोपी से पूूछताछ में कई अहम राज खुलने के आसार हैं। एसटीएफ के एससपी राजिंदर सिंह सोहल ने आरोपी को गिरफ्तार करने की पुष्टि की है।

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घाटा पड़ा तो बन गया नशा तस्कर
आरोपी ने एसटीएफ को पूछताछ में बताया है कि वह पहले सोने का काम करता था। उसका कारोबार बढ़िया चल रहा था, लेकिन उसे काफी घाटा पड़ गया। 2004 में वह जीजा के भाई सुरिन्द्रपाल सिंह उर्फ पप्पू के संपर्क में आया। उसने उसे हेरोइन की सप्लाई में लगा दिया। कोरिया का काम करने वाला पप्पू उसे एक किलो हेरोइन एक से दूसरी जगह पहुंचाने का 6 हजार रुपये देता था।

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गैस सिलेंडर में डालकर करता था हेरोइन सप्लाई
आरोपी ने बताया कि वह अमृतसर से चंडीगढ़ व दिल्ली तक हेरोइन की सप्लाई करता था। वह पुलिस की पकड़ में न आए इसलिए हेरोइन ले जाने के लिए अलग अलग तरीके प्रयोग करता था। गैस के सिलेंडर को नीचे से काट कर उसमें हेरोइन डालकर उसे फिर से वेल्डिंग करके अपनी गाड़ी में रखकर दिल्ली निवासी नाइजीरियन व्यक्तियों को सप्लाई करता था।

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दस किलो हेरोइन केस में हुई थी 15 साल की सजा
एसटीएफ अधिकारियों के मुताबिक आरोपी ने पूछताछ में बताया है कि वर्ष 2005 मार्च में आरोपी बिट्टा को पहली डायरेेक्टोरेट रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) अमृतसर ने 10 किलोग्राम हेरोइन काबू किया था। उस केस में उसे 15 वर्ष कैद की सजा हुई थी। करीब सात वर्ष तक सेंट्रल जेल अमृतसर में रहा और उसके बाद पैरोल पर 28 दिन की छुट्टी आ गया था। पैरोल पर आकर जेल नहीं गया। फिर हरप्रीत सिंह उर्फ चिंटू निवासी फिल्लौर से मिलकर हेरोइन सप्लाई करने लग पड़ा जिसके पाकिस्तानी स्मगलरों से अच्छे संबंध हैं। आरोपी बिट्टा ने पुलिस को बताया कि वह चिंटू से हेरोइन लेकर उसके बताने मुताबिक आगे किसी निशा नाम की महिला को जालंधर में सप्लाई देता था। निशा फिर उस हेरोइन को आगे अपने ग्राहकों को बेचती थी।

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आंखों के अस्पताल से हो गया था फरार
वर्ष 2015 में उसे फिर काउंटर इंटेलिजेंस अमृतसर ने सिधवां बेट लुधियाना से 3 किलोग्राम हेरोइन व 22 लाख रुपये नकदी सहित काबू कर लिया। उसके बाद उसके खिलाफ जालंधर में एक और चालान पेश कर दिया गया। उसे अमृतसर से कपूरथला जेल भेज दिया गया। कपूरथला जेल में आरोपी बिट्टा की एक आंख खराब हो गई थी। उसे अमृतसर में आंखों के अस्पताल में ले जाया गया जहां उसे दाखिल कर लिया गया था। रात के समय पुलिस पार्टी को चकमा देकर वह वहां से फरार हो गया और भाग कर नेपाल बार्डर पर चला गया। वहां पर निशा ने उसके रहने का बंदोबस्त कर दिया।

एक साल से नाम बदलकर रह रहा था पंजाब में
आरोपी बिट्टा ने पुलिस के पास यह भी माना कि नेपाल बार्डर से वह करीब एक वर्ष पहले पंजाब आ गया था। उसने पहचान बदलकर अपना नाम मनजीत सिंह रख लिया। अपना आधार कार्ड भी मनजीत सिंह के नाम से ही बिहार से बनवा लिया। उसी आधार पर उसने ड्राइविंग लाइसेंस मनजीत सिंह के नाम पर जालंधर लाइसेंसिंग अथॉरिटी से बनवाया। उस उपरांत रोपड़ में मकान किराए पर ले कर रहने लग पड़ा। पुलिस का कहना है कि अब जालंधर लाइसेंसिंग अथॉरिटी को भी पत्र लिखा जाएगा और पता लगाया जाएगा कि उसने किस ढंग से लाइसेंस बनवाया।

कई अन्य तस्करों के लिंक में था
आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसकी बड़े बड़े नशा तस्करों बुट्टा निवासी गांव ढोलण (खेमकरन) जो कि हेरोइन का तस्कर है तथा हरप्रीत सिंह उर्फ चिंटू निवासी फिल्लौर से बातचीत होती रहती थी। वह अब भी अपना गुजारा निशा नाम की महिला से पैसे ले कर कर रहा था।

सौजन्य से:: अमर उजाला