नई दिल्ली. पेट्रोल और डीजल सहित पेट्रोलियम उत्पादों को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाना फिलहाल मुमकिन नहीं लग रहा है। वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को कहा कि अब तक जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस पर चर्चा नहीं हुई है, क्योंकि अधिकांश राज्य इसके पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने कहा, पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने की वकालत मैंने नहीं की है, बल्कि पेट्रोलियम मंत्री की ओर से ऐसा बयान आया था।
गोयल ने कहा कि राज्यों को विकास कार्यों के लिए अधिक धन की जरूरत होती है। इसलिए राज्य पेट्रोलियम उत्पादों पर अधिक टैक्स लगाते हैं। पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने पर वित्त मंत्री ने कहा कि इसके लिए सबसे पहले राज्यों के बीच सर्वसम्मति बनाने की जरूरत है। अभी एक-दो राज्यों को छोड़कर कोई भी राज्य इसके पक्ष में नहीं है।
जीएसटी रिटर्न भरने की अंतिम तारीख बढ़ी: सरकार ने जुलाई के लिए जीएसटी-3बी रिटर्न फाइल करने की तारीख बढ़ाकर 24 अगस्त कर दी है। पीडब्लूसी के पार्टनर प्रतीक जैन ने कहा कि रिटर्न फाइलिंग में कुछ दिक्कतें आ रही थीं। तारीख बढ़ने से कारोबारियों को आसानी होगी।
सौजन्य से: दैनिक भास्कर