धनबाद से खरीदा कोयला और बिल लगाया कोलकाता का, कर ली चार करोड़ की जीएसटी चोरी

धनबाद, जेएनएन। चार करोड़ की जीएसटी चोरी मामले में यह तथ्य सामने आया है कि कोयला की खरीदारी धनबाद से हुई है, लेकिन बिल बंगाल का दिया गया है। बंगाल में जिस कंपनी से खरीदारी हुई, उससे संबंधित दस्तावेज अथवा कंपनी का अता पता नहीं मिलने पर ही केंद्रीय जीएसटी कोलकाता ने मामले को लेकर धनबाद के आयकर विभाग से शिकायत की थी।

शिकायत मिलने के बाद से आयकर विभाग ने धनबाद के तीन फर्म और उसके संचालक एवं मालिकों के यहां सर्वे का कार्य किया था। इनमें श्री शक्ति इनोवेशन, श्री शक्ति इंडस्ट्रीज और श्रीसाईं इंडस्ट्रीज शामिल थी। सर्वे के बाद से पिछले पांच दिनों से लगातार दस्तावेजों और खरीद-बिक्री से संबंधित दस्तावेजों की जांच किया जा रहा था। मंगलवार को संचालकों एवं मालिकों को से घंटों पूछताछ की गई। जांच में यह बात सामने आयी है कि पिछले एक साल से श्रीशक्ति इनोवेशन कंपनी बंद है और इसके माध्यम से कोई कारोबार नहीं किया गया है। शेष अन्य दो कंपनियों के माध्यम से कोयला की खरीद बिक्री की जा रही थी। इसी खरीद बिक्री को लेकर कोलकाता से बिल प्राप्त किया गया था, जिन लोगों से पूछताछ की गई है इसमें दीपक जैन, संदीप भाटिया, पंकज अग्रवाल, निशांत सिंह, केडिया और एक मिश्रा नाम के व्यक्ति की जांच चल ही रही थी कि इस बीच एक नया नाम भी सामने आया है। इसमें मनीष जैन उर्फ लक्की समेत झरिया के किसी गणेश पांडेय व छोटे पांडेय के संलिप्तता की भी जांच हो रही है।

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सीजीएसटी से मांगी गई रिपोर्ट : मामले की जांच कर रही आयकर विभाग ने केंद्रीय जीएसटी धनबाद से भी रिपोर्ट की मांग की है। इसमें दीपक जैन, संदीप भाटिया, पंकज अग्रवाल, निशांत सिंह समेत अन्य के खिलाफ हुई पहले की कार्रवाइयों के बाबत जानकारी ली जा रही है।

 

सौजन्य से: दैनिक जागरण