लुधियाना : केंद्र के मिनिस्ट्री आॅफ कॉमर्स विभाग ने गारमैंट निर्यातकों को स्पष्ट कर दिया है कि केंद्रीय बजट के बाद ही रिवेट आॅफ स्टेट लेविस इंसैंटिव रोसल देने बारे सोचा जाएगा। पिछले 6 माह से निर्यातकों का इंसैंटिव सरकार ने रोक रखा हैए जिस कारण गारमैंट निर्यात 8 माह में 11 हजार करोड़ रुपए से गिरकर 6700 करोड़ पर आ गया है।
पूछने पर बताया जाता है कि केंद्रीय बजट के बाद ही रोसल इंसैंटिव देने बारे सोचा जाएगा। एक तो वैसे ही केंद्र सरकार ने रोसल इंसैंटिव की 3.90 प्रतिशत की दर को घटाकर 1.67 फीसदी कर दिया है और ऊपर से ड्यूटी ड्रा बैक भी घटाकर 7.7 प्रतिशत से घटाकर 2 फीसदी कर देने से निर्यातकों की हालत खस्ता हो गई। इसी कारण विश्व बाजार में गारमैंट निर्यात की मांग भी कम हो गई है।
गारमैंट इंडस्ट्री निर्यात बंद करने की कर रही है तैयारी
निटवियर अपे्रल एक्सपोर्ट्स आगेर्नाइजेशन के प्रधान हरीश दुआ कहते हैं कि अगर रोसल इंसैंटिव नहीं मिला तो उद्यमियों को मजबूरन गारमैंट निर्यात पर पूरी तरह रोक लगानी पड़ेगी। फिलहाल 8 माह में निर्यात सीधा 11,272 करोड़ रुपए से गिरकर 6,719 करोड़ पर आ गया है।
उन्होंने कहा कि वह 35 करोड़ का निर्यात करते थे जो इस साल गिरकर 25 करोड़ पर आ गया है। इंसैंटिव की दर कम होने उत्पादन लागत बढ़ गई है जिस कारण विश्व बाजार में माल बेचना भी मुश्किल हो गया है। सरकार को इस बारे गंभीरता से सोचना होगा।