जीएसटी रजिस्टर्ड ट्रेडर्स के पास वित्त वर्ष 2017-18 के किसी बिल या रिटर्न में गलती या इनपुट टैक्स क्रेडिट के क्लेम में हुई चूक को सुधारने के लिए अब कुछ ही दिन बचे हैं।

नई दिल्ली
जीएसटी रजिस्टर्ड ट्रेडर्स के पास वित्त वर्ष 2017-18 के किसी बिल या रिटर्न में गलती या इनपुट टैक्स क्रेडिट के क्लेम में हुई चूक को सुधारने के लिए अब कुछ ही दिन बचे हैं। जीएसटी एक्सपर्ट्स के मुताबिक कुछ आम त्रुटियां या विसंगतियां हैं, जिसे हर ट्रेडर को समय रहते क्रॉसचेक कर लेना चाहिए और 20 सितंबर तक जाने वाले सितंबर महीने व तिमाही के रिटर्न के माध्यम से उन्हें संशोधित करा लेना चाहिए। पिछले किसी महीने का आईटीसी क्लेम करने या ज्यादा आईटीसी रिवर्स करने का भी यह आखिरी मौका है।

जीएसटी एक्सपर्ट विनीत चौहान ने बताया कि जीएसटी रूल्स के तहत 2017-18 के किसी ट्रांजैक्शन, इनवॉइस और क्रेडिट क्लेम को सितंबर महीने के रिटर्न या सालाना रिटर्न (जिसकी डेट पहले हो) तक रेक्टिफाई किया जा सकता है। इनवर्ड सप्लाई में हुई चूक को GSTR-3B और आउटवर्ड सप्लाई पर GSTR-1 में ऐड, डिलीट या मोडीफाई कर सकते हैं, जिनकी आखिरी डेट क्रमशः 20 अक्टूबर और 31 अक्टूबर है। हर डीलर को चाहिए कि वह अपने पिछले रिटर्न्स को उनके GSTR-2A के साथ रिकॉन्साइल करे और मिसमैच पर सप्लायर या रेसिपिएंट से संपर्क कर उन्हें ठीक कराए।

अगर आप 2017-18 की किसी इनवॉइस का रिटर्न में जिक्र करना भूल गए हैं तो उसे सितंबर महीने के GSTR-1 के टेबल 4 में संबंधित इनवॉइस की ओरिजिनल डेट के साथ ऐड कर सकते हैं। अगर उस इनवॉइस का टैक्स नहीं चुकाया है तो उसे भी ब्याज के साथ चुका सकते हैं। सालाना रिटर्न GSTR-9 में इस तरह के डिस्क्लोजर की फैसिलिटी नहीं है।

सीए अनिल गर्ग ने कहा कि किसी महीने की GSTR-1 में बी2बी की इनवॉइस गलत नाम या नंबर से दर्ज हो गई है या टैक्सेबल वैल्यू और रेट में चूक हो गई है तो इन्हें GSTR-1 के टेबल 9ए, 9बी, 9सी में सुधारा जा सकता है। किसी महीने की बी2बी डिटेल्स किसी दूसरे महीने से दर्ज हो गई है या इंट्रा-स्टेट सप्लाई इंटरस्टेट सप्लाई के रूप में दर्ज हो गई है तो उसे टेबल-10 में अमेंड किया जा सकता है। लेकिन यह गलती अगर GSTR-3 में रिपीट हुई है तो IGST भुगतान हो चुकने के कारण सालाना रिटर्न के पार्ट 4 में अमेंड करना होगा।

अगर कोई डीलर 2017-18 के किसी इनवॉइस पर आईटीसी क्लेम करना भूल गया है तो वह सितंबर महीने की GSTR-3B में क्लेम कर सकता है और GSTR-9 पार्ट 4 के पॉइंट 13 में भी ऐड कर सकता है। अगर सप्लायर ने आईटीसी क्लेम किया है, लेकिन उसने जीएटीआर-1 नहीं भरा है तो यह ट्रांजैक्शन 2ए में नजर नहीं आएगा। ऐसे में सप्लायर से संपर्क जरूरी हो जाता है। अगर आपने गलती से ज्यादा आईटीसी क्लेम कर लिया है तो उसे GSTR-3B के टेबल 4(बी)(2) और GSTR-9 के पार्ट 4 पॉइंट 12 में डिस्क्लोज किया जा सकता है। किसी भी महीने का GSTR-2A का मंथली डेटा एक्सेल फॉर्मैट में डाउनलोड हो सकता है। हर डीलर को चाहिए कि इसकी GSTR-3B के साथ मैचिंग करते हुए विसंगति को सप्लायर या रेसिपिएंट की नजर में लाए और ठीक कराए।

NBT