इंदौर | जीएसटी का सालाना रिटर्न सरल करने के बाद अब केंद्र सरकार का ध्यान टैक्स कलेक्शन में कसावट लाने पर है। इसके लिए एक सप्ताह में दो अहम बैठकें दिल्ली में होेने जा रही हैं। पहली बैठक सोमवार को होगी, जिसमें जीएसटी नेटवर्क को लेकर चर्चा होगी। इसमें स्टेट टैक्स कमिश्नर को अधिक जानकारी उपलब्ध कराने पर फैसला लिया जाएगा। वहीं 25 नवंबर को अगली बैठक में राजस्व बढ़ाने और कर चोरी रोकने के तरीकों के संबंध में फैसले लिए जाएंगे। सोमवार को होने वाली बैठक में रजिस्ट्रेशन का मुद्दा है। अभी यह आसानी से होने और कई जानकारियां देना बंधनकारी नहीं होने से फर्जी फर्म बनने और इनके फिर घोटाला कर भाग जाने के मामले अधिक होते हैं। इसे रोकने के लिए विचार किया जाएगा कि कुछ और जानकारियां देना वैकल्पिक करने की जगह अनिवार्य कर दिया जाए। कमिश्नर अपने राज्यों में भरे जाने वाले रिटर्न, जारी होने वाले ई-वे बिल की भी अपडेट जानकारी पोर्टल से जल्द चाहते हैं, इस पर भी विचार होगा। वहीं 25 नवंबर को होने वाली बैठक में इस बात पर फैसला लिया जाएगा कि अधिक से अधिक इलेक्ट्रॉनिक इनवाइस (िबल) जारी किए जाएं, जिससे एक बार जारी होने के बाद इन्हें डिलीट कर माल की खरीदी-बिक्री छिपाई न जा सके। वहीं कारोबारियों की लंबे समय रिफंड की समस्या बरकरार है। इस पर भी विचार होगा कि यह ऑटो रिफंड से व्यवस्थित जारी होता रहे। इसके साथ ही अब कोशिश की जा रही है कि हर माह के लिए केंद्र और राज्य के लिए भी राजस्व लक्ष्य तय किए जाएं और इस पर नजर रखी जाए, जिससे कर चोरी को रोका जा सके और सही टैक्स कलेक्शन किया जा सके।
सौजन्य से: दैनिक भास्कर