जीएसटी चोरी करने के लिए ई-वे बिल को दो बार इस्तेमाल किया जाता है। माल किसी का होता है, उतारा कहीं जाता है। बिना बिल भी माल को भेजने का फर्जीवाड़ा चल रहा है। टाइम लिमिट होने के कारण व्यापारी ई-वे बिल को दो बार इस्तेमाल करते हैं। एक बिल को रिकार्ड में ले लिया जाता है। दूसरा चक्कर बिना बिल का होने के कारण जीएसटी की चोरी होती है। इस तरह के मामले जीएसटी विभाग के पकड़ में आए हैं। पिछले 10 माह के दौरान विभाग ने जीएसटी चोरी पकड़ने के लिए रोड साइड जांच के दौरान ज्यादातर गाड़ियों इसी प्रकार की पकड़ी है। विभाग ने चलाया अंतर जिला चेकिग अभियान

जीएसटी चोरी करने के लिए ई-वे बिल को दो बार इस्तेमाल किया जाता है। माल किसी का होता है, उतारा कहीं जाता है। बिना बिल भी माल को भेजने का फर्जीवाड़ा चल रहा है। टाइम लिमिट होने के कारण व्यापारी ई-वे बिल को दो बार इस्तेमाल करते हैं। एक बिल को रिकार्ड में ले लिया जाता है। दूसरा चक्कर बिना बिल का होने के कारण जीएसटी की चोरी होती है। इस तरह के मामले जीएसटी विभाग के पकड़ में आए हैं। पिछले 10 माह के दौरान विभाग ने जीएसटी चोरी पकड़ने के लिए रोड साइड जांच के दौरान ज्यादातर गाड़ियों इसी प्रकार की पकड़ी है। विभाग ने चलाया अंतर जिला चेकिग अभियान

 

विभाग ने जीएसटी चोरी की धड़पकड़ करने के लिए अंतर जिला रोड साइड चेकिग अभियान चलाया। इसके तहत एक जिले के अधिकारी दूसरे जिले में चेकिग में लगाए हैं। जिससे अधिकारियों की मिलीभगत न हो सके। 268 केस पकड़े गए

पानीपत स्टेट जीएसटी में ई-वे बिल चेकिंग में 10 महीने के अंदर 268 केस पकड़े। जो जीएसटी चोरी में शामिल पाए गए। इन पर 05 करोड़ 37 लाख रुपये के जुर्माना वसूल किया गया। अप्रैल से लेकर जनवरी तक ये केस पकड़ में में आए। अकेले जनवरी माह में 10 गाड़ियां पकड़ीं। जिन पर 25.80 लाख रुपये का जुर्माना किया। जीएसटी चोरी रोकने के लिए उठाए कदम

जीएसटी चोरी को देखते हुए विभाग ने कई कदम उठाए हैं। इनमें अब गाड़ी का फर्जी नंबर इस्तेमाल नहीं हो सके। जैसे ही ई-वे बिल के लिए गाड़ी का नंबर एंट्री होगा। साफ्टवेयर आरटीओ विभाग में पंजीकृत नंबर से उसका मिलान करेगा। नंबर फर्जी मिलने पर सिस्टम से अधिकारियों को जानकारी मिल जाएगी। ई-वे बिल नहीं बन पाएगा। अब लेनदार और देनदार दोनों पर जुर्माना

जीएसटी चोरी रोकने के लिए जुर्माने की राशि 100 फीसद की गई है। चोरी पकड़ने जाने पर लेनदार और देनदार पर भी जुर्माना करने का प्रावधान किया गया है। 100 फीसद जुर्माने के साथ-साथ टैक्स अलग से भरना होगा। गाड़ी में जितना माल होगा उतना ही जुर्माना लगाया जाएगा। वैट में 30 फीसद जुर्माना लगाया जाता था। रोड साइड चेकिग में 268 मामले पकड़े गए हैं। जिन पर 5 करोड़ 37 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया। विभाग चोरी रोकने लिए सख्त कदम उठा रहा है। सख्त कदम उठाने जीएसटी राजस्व में 52 फीसद की बढ़ोतरी हुई है।