नई दिल्ली [संतोष शर्मा]। लॉकडाउन अनलॉक होते ही हवाई मार्ग से सोना तस्करी के मामले दोबारा से बढ़ गए हैं। एयरपोर्ट पर आए दिन सोना तस्कर गिरफ्तार किए जा रहे हैं। पकड़े ना जाएं इसके लिए तस्कर सोना तस्करी के लिए नए-नए तरीके इजाद कर लेते हैं। फल, जूते व सैंडल और इलेक्ट्रानिक सामान के अलावा निजी अंगों में रखकर सोने की तस्करी की जा रही है। लेकिन आइजीआइ एयरपोर्ट पर कस्टम विभाग की चौकसी के आगे तस्करों के मंसूबे धवस्त हो रहे हैं। प्रोफाइलिंग और इंटेलीजेंस के द्वारा अलग-अलग उपाए करने के बावजूद तस्करों को दबोचा जा रहा है। कस्टम एयरपोर्ट पर इस वर्ष सोना तस्करी के करीब 50 मामले में अब तक पांच दर्जन से ज्यादा सोना तस्करों को गिरफ्तार कर चुका है।
आइजीआइ एयरपोर्ट के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि तस्कर दूर के देशों से सामान इत्यादि में छुपाकर सोना लाते हैं। वहीं, कम दूरी वाले देशों से निजी अंगों में छुपाकर सोने की तस्करी की जाती है। अमूमन विदेश से आए तस्कर प्रोफाइलिंग (चाल-ढाल और हाव-भाव) के जरिए पहचान में आ जाते हैं। निजी अंगों में सोना छुपे होने के कारण उनके चाल थोड़े बदल जाते हैं। वहीं, कई मामले में पहले से मिली जानकारी (इनपुट) और इंटेलीजेंस के द्वारा पहचान कर तस्करों को गिरफ्तार किया जाता है।
नई दिल्ली [संतोष शर्मा]। लॉकडाउन अनलॉक होते ही हवाई मार्ग से सोना तस्करी के मामले दोबारा से बढ़ गए हैं। एयरपोर्ट पर आए दिन सोना तस्कर गिरफ्तार किए जा रहे हैं। पकड़े ना जाएं इसके लिए तस्कर सोना तस्करी के लिए नए-नए तरीके इजाद कर लेते हैं। फल, जूते व सैंडल और इलेक्ट्रानिक सामान के अलावा निजी अंगों में रखकर सोने की तस्करी की जा रही है। लेकिन आइजीआइ एयरपोर्ट पर कस्टम विभाग की चौकसी के आगे तस्करों के मंसूबे धवस्त हो रहे हैं। प्रोफाइलिंग और इंटेलीजेंस के द्वारा अलग-अलग उपाए करने के बावजूद तस्करों को दबोचा जा रहा है। कस्टम एयरपोर्ट पर इस वर्ष सोना तस्करी के करीब 50 मामले में अब तक पांच दर्जन से ज्यादा सोना तस्करों को गिरफ्तार कर चुका है।
आइजीआइ एयरपोर्ट के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि तस्कर दूर के देशों से सामान इत्यादि में छुपाकर सोना लाते हैं। वहीं, कम दूरी वाले देशों से निजी अंगों में छुपाकर सोने की तस्करी की जाती है। अमूमन विदेश से आए तस्कर प्रोफाइलिंग (चाल-ढाल और हाव-भाव) के जरिए पहचान में आ जाते हैं। निजी अंगों में सोना छुपे होने के कारण उनके चाल थोड़े बदल जाते हैं। वहीं, कई मामले में पहले से मिली जानकारी (इनपुट) और इंटेलीजेंस के द्वारा पहचान कर तस्करों को गिरफ्तार किया जाता है।
