इनकम टैक्स और डीआरआई ने मारा छापा

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लखनऊ। चौक सराफा बाजार में सोना तस्करी के खुलासे के बाद बृहस्पतिवार को आयकर विभाग व डीआरआई (डायरेक्ट्रेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस) ने छापा मारकर छानबीन शुरू कर दी है। दोनों विभागों की संयुक्त टीम ने बृहस्पतिवार को तस्करी का सोना खरीदने वाले बुलियन कारोबारी सोनू व मोनू अग्रवाल की दुकान खुलवाकर सोने के स्टॉक व कागजात चेक किए। साथ ही तस्करी का सोना खरीदने वाले अन्य कारोबारियों के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है।

क्राइम ब्रांच व चौक पुलिस ने मंगलवार को दिल्ली से सोना तस्करी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ कर सुभाष कश्यप निवासी रोशनगंज, शाहजहांपुर और चंद्रकांत गुप्ता निवासी गली नंबर 53, सादातपुर नई दिल्ली को गिरफ्तार किया था। दोनों के पास से आई-20 कार और 96 लाख रुपये बरामद हुए थे। सुभाष व चंद्रकांत सोमवार को तस्करी का सोना लेकर लखनऊ आए थे। उन्होंने चौक के बालाजी शक्ति ज्वैलर्स के मालिक मोनू व सोनू अग्रवाल को तस्करी का सोना दिया था। मोनू ने सोमवार को दोनों को 96 लाख रुपये भुगतान किया था। शेष रकम लेने के लिए मंगलवार को दोनों लोग मोनू की दुकान पर जा रहे थे कि तभी पुलिस व क्राइम ब्रांच ने उन्हें दबोच लिया। इसकी भनक लगने पर सोनू-मोनू दुकान बंद करके भाग गए थे।

इंस्पेक्टर चौक विश्वजीत सिंह ने बताया कि आयकर विभाग व डीआरआई ने बृहस्पतिवार को मामले की छानबीन शुरू की। संयुक्त टीम चौक कोतवाली पहुंची। सोनू व मोनू के फरार होने के चलते इनके परिवार की महिलाओं को बुलाकर दुकान खुलवाकर आयकर विभाग व डीआरआई के अफसरों ने कागजात व सोने का स्टॉक खंगाला। सूत्रों के मुताबिक, दुकान में काफी मात्रा में सोना व कैश भी मिला है। मगर टीम ने इस संबंध में जानकारी किसी से साझा नहीं की। सोना तस्करी को लेकर सोनू व मोनू के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
तस्करी का सोना खरीदने वालों में खलबली
लखनऊ। चौक सराफा बाजार में तस्करी का सोना लंबे समय से खपाया जा रहा है। खुलासे से उन सराफा कारोबारियों में खलबली मच गई है जो तस्करों से सोना खरीदते हैं। बृहस्पतिवार को भी पूरे दिन चौक के सराफा व बुलियन कारोबारियों में सोना तस्करी को लेकर चर्चा होती रही। तस्करी का सोना खरीदने वाले कारोबारी एक नंबर का स्टॉक व कागजात तैयार करने में जुटे रहे।
नकली नोट छापते भी पकड़े गए थे सोनू-मोनू
लखनऊ। सोना तस्करी में चौक पुलिस जिन दोनों भाइयों सोनू-मोनू को तलाश रही है वे कई साल पहले नकली नोट छापते भी पकड़े गए थे। तब चौक कोतवाली क्षेत्र के ही यहियागंज में इनके घर पर नकली नोट छापने का कारखाना पकड़ा गया था। उस मामले में भी पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर दोनों भाइयों को जेल भेजा था। इस बार सोना तस्करी से सोनू-मोनू के तार जुड़े हैं।
टैक्स चोरी का है सारा खेल
लखनऊ। तस्करी के सोने की खरीद-फरोख्त के पीछे सारा खेल टैक्स चोरी का है। दरअसल दुबई समेत कई खाड़ी देशों में सोने पर आयात शुल्क काफी कम है। इसके चलते इन देशों में सोना सस्ता है। तस्करों के गिरोह नॉर्थ-ईस्ट समेत अन्य रास्तों से खाड़ी देशों से सोना दिल्ली मंगाते हैं। वहां से गिरोह के लोग प्रमुख शहरों की सराफा मंडियों में जाकर सोना खपाते हैं। सूत्रों के मुताबिक, तस्करी का सोना सस्ता मिल जाता है और फिर इसकी खरीद-फरोख्त पर टैक्स भी बचता है। इसके चलते एक किलो सोने की खरीद पर तीन से पांच लाख रुपये तक बच जाते हैं। बुलियन कारोबारियों का टर्नओवर अधिक होता है। ऐसे में तस्करी का सोना खरीदकर छोटे दुकानदारों व सराफा कारीगरों को खपाना उनके लिए आसान होता है

सौजन्य से: अमर उजाला