लुधियाना: सर्विस टैक्स व सैंटर एक्साइज के दायरे में आने वाले कारोबारियों को केन्द्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सी.बी.ई.सी.) ने जी.एस.टी. के प्रोवीजनल आई.डी. पासवर्ड देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसमें विशेषता यह है कि कारोबारियों को आई.डी. पासवर्ड लेने के लिए विभाग के चक्कर काटने नहीं पड़ेंगे, बल्कि रिटर्न भरने वाले आई.डी. पासवर्ड से ही यह प्रक्रिया आरंभ हो जाएगी। गौरतलब है कि महानगर में इस समय सर्विस टैक्स के दायरे में आने वाले 15 हजार के लगभग डीलर हैं, जबकि एक्साइज के 1000 से 1200 के लगभग डीलर हैं, जिन्हें जी.एस.टी. में माइग्रेट होने के लिए विभाग से मिलने वाले ऑनलाइन आई.डी. पासवर्ड के द्वारा अपनी सारी डिटेल ए.ई.सी.एस. की वैबसाइट पर जाकर अपलोड करनी होगी, जिसकी जांच होने के बाद ही 15 नंबर वाला जी.एस.टी. नंबर अलॉट होगा। इसमें 10 नंबर का उपभोक्ता के पैन का नंबर शामिल होगा, जो विभागको समय-समय पर कारोबारी के सेल-परचेज और बैंक की जानकारी देगा। यहां बताना जरूरी होगा कि जिन लोगों ने प्रोवीजनल आई.डी. पासवर्ड बिक्रीकर विभाग से लिए हैं और वे सर्विस टैक्स अथवा एक्साइज के दायरे में भी आते हैं, उन्हें दोबारा यह प्रक्रिया करने की जरूरत नहीं है क्योंकि पंजाब भर में 2 लाख 63 हजार के लगभग वैट डीलर हैं, जिनमें से कुछ सैंटर एक्साइज या सर्विस टैक्स के दायरे में आते हैं। वे एक ही बार सारी डिटेल अपलोड करके जी.एस.टी. नंबर अपलोड कर सकते हैं।
कैसे करेंगे प्रक्रिया
वरिष्ठ एडवोकेट एन.के. थम्मन ने बताया कि जो कारोबारी सैंटर एक्साइज व सर्विस टैक्स के दायरे में आते हैं, उन्हें विभाग द्वारा जारी आई.डी. पासवर्ड से विभाग की वैबसाइट पर जाना होगा। जहां सवाल होगा कि आपको जी.एस.टी. नंबर चाहिए, वहां पर क्लिक करना होगा। जहां ऑटोमेशन ऑफ सैंटर एक्साइज एंड सर्विस टैक्स की वैबसाइट खोलने पर आपको आपका आई.डी. पासवर्ड मिल जाएगा। इसके पश्चात उस आई.डी. पासवर्ड के साथ आप सारी डिटेल इसी वैबसाइट पर अपलोड करेंगे। विभाग इसकी जांच करने के बाद आपको जी.एस.टी. नंबर अलॉट कर देगा।
किन-किन पर लगती है सर्विस टैक्स और एक्साइज
विभाग के अनुसार जिस मैन्युफैक्चर की 1.5 करोड़ से ऊपर की सेल है या ज्वैलर्स की 6 करोड़ से ऊपर की सेल है, वे एक्साइज के दायरे में आते हैं। 10 लाख से ऊपर की रिसीट्स है, ऐसे कारोबारियों को भी जी.एस.टी. नंबर लेना होगा। कपड़ा निर्माता जो पहले इस दायरे में नहीं आते थे, उन्हें भी अब जी.एस.टी. नंबर लेना पड़ेगा, क्योंकि जी.एस.टी. प्रणाली में 20 लाख की सेल के ऊपर हर कारोबारी को नंबर लेना अनिवार्य होगा।
CBEC की प्रक्रिया प्रशंसनीय : अग्रवाल
इलैक्ट्रोनिक ट्रेडर एसोसिएशन के महिंद्र अग्रवाल ने विभाग की इस प्रक्रिया की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि हर कारोबारी को प्रोवीजनल आई.डी. पासवर्ड ऑनलाइन अथवा नि:शुल्क दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इससे कारोबारियों की मुश्किलें कम होंगी। इसलिए बिक्रीकर विभाग को भी इसी तर्ज पर आई.डी. पासवर्ड ऑनलाइन कर देने चाहिएं।
सौजन्य से : पंजाब केसरी