फर्जी बिलों के जरिए जीएसटी घोटाला करने वालों पर सरकारी शिकंजा कसता जा रहा है। तीन कंपनियों पर 4198 करोड़ रुपये से ज्यादा के फर्जी चालान जारी करते हुए 660 करोड़ रुपये के इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) की धोखाधड़ी करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। बुधवार को एक कंपनी के निदेशक को गिरफ्तार कर लिया गया है। अन्य के खिलाफ जीएसटी अधिकारी जांच कर रहे हैं।
केंद्रीय वित्त मंत्रालय के मुताबिक, जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) मुख्यालय ने 3 मार्च को फॉर्च्यून ग्राफिक्स प्राइवेट लिमिटेड, रीमा पॉलीकैम प्राइवेट लिमिटेड और गणपति एंटरप्राइजेज के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। जांच के दौरान सामने आया कि इन तीनों कंपनियों ने 4198 करोड़ रुपये के फर्जी चालान जारी किए थे।
इन फर्जी चालानों में खरीदारों को धोखेबाजी के जरिये 660 करोड़ रुपये की रकम आईटीसी के तौर पर दे दी गई। मंत्रालय ने कहा, रीमा पॉलीकैम के एक निदेशक को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया। इन तीनों कंपनियों के अन्य निदेशकों की भूमिका की जांच की जा रही है।