वित्तीय वर्ष 2019-20 खत्म होने में महज 18 दिन शेष बचे हैं और स्टेट जीएसटी विभाग ने उच्चाधिकारियों से मिले 662 करोड़ रुपए राजस्व हासिल करने के लिए 1000 टॉप टैक्सपेयर्स पर फोकस किया है। विभाग के अधिकारी इन टैक्सपेयर्स को लगातार नोटिस जारी कर समय पर जीएसटीआर 1 व जीएसटीआर 3बी रिटर्न भरने के लिए अलर्ट कर रहे हैं। जीएसटी विभाग के अनुसार यूं तो सभी 16 हजार पंजीकृत डीलरों को समय पर रिटर्न भरने के लिए चेताया गया है। लेकिन मुख्य तौर पर फोकस टॉप टैक्सपेयर्स डीलर पर है। क्योंकि सर्वाधिक राजस्व इन्हीं डीलरों से आता है। अब तक वित्तीय वर्ष के फरवरी माह तक 420 करोड़ 34 लाख रुपए राजस्व के तौर पर डीलरों की ओर से जमा कराया जा चुका है। स्टेट जीएसटी के डिप्टी कमिश्नर एसके बोडवाल बताते हैं कि अभी तो डीलरों को नोटिस भेजकर समय पर रिटर्न भरने के लिए कहा जा रहा है। नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत के बाद समय पर रिटर्न न भरने वाले डीलरों को चिह्नित कर उनके रजिस्ट्रेशन कैंसिल करने का काम किया जाएगा।
रिटर्न भरने की तारीख नजदीक आते ही बंद हो जाती है वेबसाइट
कर सलाहकार अशोक जांगड़ा बताते हैं कि जीएसटी रिटर्न फाइलिंग की समयावधि नजदीक आते ही जीएसटी विभाग की वेबसाइट की स्पीड धीमी हो जाती है या फिर कोई न कोई तकनीकी खामी भी आ जाती है। ऐसे में टैक्सपेयर्स के समय पर रिटर्न फाइल नहीं कर पाते। फिर विभाग की ओर से जुर्माना लगाने व नोटिस भेजने की कार्रवाई की जाती है।
जीएसटी पंजीयन के प्रतिमाह आ रहे 100 नए आवेदन
स्टेट जीएसटी विभाग में जिले में 16,218 से अधिक से छोटे व बड़े जीएसटी डीलर रजिस्टर्ड हैं। इनमें से नए करदाता 10,386, माइग्रेटेड 5831 सहित कुल 16,287 से अधिक फर्म संचालक व व्यापारियों ने पंजीकरण कराया हुआ है। अफसर बताते हैं कि करदाता पंजीकरण का सिलसिला चलता रहता है। प्रतिमाह सौ के करीब आवेदन नए जीएसटी रजिस्ट्रेशन के लिए आते हैं।
रिकार्ड में आंकड़ों का मिलान करने में जुटी सर्वे टीम
सर्वे टीम के सदस्य बताते हैं कि जीएसटीआर वन, जीएसटीआर 3बी, जीएसटीआर 2ए के अंतर्गत टैक्सपेयर्स की ओर से फाइल की गई रिटर्न में सेल परचेज के आंकड़ों का मिलान किया जा रहा है। कई डीलर की ओर से फाइल की गई रिटर्न में आंकड़ों में हेरफेर मिला है। आंकड़ों में गड़बड़ी मिलने पर फर्जीवाड़े का संदेह है। आंकड़ों का मिलान सर्वे टीम कर रही है।