150 ठेकेदारों ने जीएसटी छिपाया, अब जुर्माने के साथ होगी वसूली

जिलेभर के 150 ठेकेदारों ने जीएसटी टैक्स को छिपाया है। जिनपर अब सिकंजा कसता हुआ नजर आ रहा है। इन ठेकेदारों की पूरी लिस्ट जीएसटी विभाग तैयार कर ली है। अब जुर्माने के साथ वसूली के लिए विभाग कार्रवाई में जुटी हुई है। जिस विभाग से वे काम किए हैं। वहां से पैसे की वसूली होगी। अगर वहां उनका पैसा बकाया नहीं होगा तो फिर जिस खाते में उनका पैसा होगा।

वहां से पैसे की वसूली जीएसटी करेगा। विभाग के इस रूख की जानकारी ठेकेदारों में है। जिससे उनमें हड़कंप मचा हुआ है। सूत्रों की माने तो ठेकेदार इससे बचने के उपाय ढ़ूढ रहे है, लेकिन अब उनके पास टैक्स भरने के अलावा दूसरा कोई रास्ता नहीं बच गया है।

क्योंकि विभागीय सुनवाई को भी ठेकेदारों ने नजरअंदाज कर दिया है। जवाब देना भी उचित नहीं समझा। इधर विभाग वन टाइम सेटेलमेंट के लिए औरंगाबाद, नवीनगर व दाउदनगर में कैंप का आयोजन कर रहा है। जहां कारोबारी पहुंचकर अपना बकाया जीएसटी चुका सकते हैं। इस कैंप में उन्हें जुर्माना आदि में काफी रियायत दी जाएगी।
ठेकेदारों को कुछ माह पहले ही नोटिस दी गई थी, नहीं दिखाई रुचि

जिले के जीएसटी उपआयुक्त नरेश कुमार ने बताया कि अलग-अलग विभागों में काम करने वाले करीब 150 ठेकेदारों ने जीएसटी टैक्स देने में गड़बड़ी की है। उन्होंने बताया कि जितने का काम लिया उतने का जीएसटी जमा नहीं किया। इस संबंध में ठेकेदारों को कुछ माह पहले ही नोटिस दी गई थी। नाेटिस में उनके गलतियों का पूरा विवरण दिया हुआ था, लेकिन वे रूची नहीं दिखाए।

30 दिनों के अंदर अगर पैसा नहीं जमा करते है तो उनके बैंक खाते से विशेष नीति के तहत कर के पैसों की वसूली की जाएगी। वहीं नाम न छापने के शर्त पर अलग-अलग विभाग में काम करने वाले ठेकेदारों ने बताया कि अक्टूबर 2018 से विभाग दो प्रतिशत जीएसटी काट रहा है। जबकि 10 प्रतिशत ठेकेदारों को इनपुट से कर जमा करना होता है। अधिकांश ठेकेदारों को जीएसटी के नियमों के बारे में जानकारी नहीं है। वे अपने सीए के हिसाब से काम करते हैं। रिटर्न फाइल करने में अधिकांश गलतियां हुई है।
होलसेल दुकान व ईंट भट्‌ठा पर भी विभाग की पैनी नजर
विभागीय सूत्रों की माने तो होलसेल दुकान व ईंट भट्ठा पर भी पैनी नजर है। क्योंकि यहां जीएसटी के आकड़ों में हेरफेर किया जाता है। होलसेल दुकानदार या डीलर छोटे-छोटे दुकानदारों को टैक्सेबल सामान को भी कच्चा बिल पर छोड़ देते हैं। जिससे विभाग को राजस्व का नुकशान होता है। शहर के अंदर बाजार के कई होलसेल दुकान विभाग के रडार पर है। वहीं प्रखंडो में भी कई बड़े-बड़े होलसेल दुकान कुंडली खंगाली जा रही है।

हालांकि जीएसटी अधिकारी अक्सर अभियान चलाकर कर वसूली के लिए औचक निरीक्षण और छापेमारी करते हैं। कुछ समय के लिए सबकुछ ठीक कर लेते हैं, लेकिन फिर उसी रास्ते पर चल देते हैं। दर्जनों ईंट भट्‌ठा पर जीएसटी कर बकाया है। कई का खाता फ्रीज किया गया है, लेकिन वे दूसरे खाता से संचालन कर कारोबार चला रहे हैं। इन सभी के खिलाफ विभाग अब कार्रवाई के मूड में है।

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