नई दिल्ली: कर्नाटक और आंध्र प्रदेश की राज्य सरकारों ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय से कच्चे सिल्क पर इंपोर्ट ड्यूटी मौजूदा 10 फीसदी से बढ़ाकर 30 फीसदी या कम से कम 15 फीसदी करने की मांग की है। लोक सभा में एक लिखित उत्तर में कॉमर्स और इंडस्ट्री मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि उनके मंत्रालय को कर्नाटक और आंध्र प्रदेश राज्य सरकारों ने कच्चे सिल्क पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि कच्चे सिल्क पर बेसिक कस्टम ड्यूटी 15 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी करने का प्रस्ताव टेक्सटाइल मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय को दिया था। इस प्रस्ताव का परीक्षण करने के बाद कच्चे सिल्क पर ड्यूटी 15 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी कर दी गई। 30 अप्रैल 2015 को कस्टम नोटिफिकेशन नंबर 28/2015 के तहत यह घोषणा की गई।
सिल्क से संबंधित मामले देखने के लिए नोडल मंत्रालय टेक्सटाइल मंत्रालय है और सेंट्रल सिल्क बोर्ड कोकून व यार्न की कीमतों, प्रमुख बाजारों में कोकून और सिल्क यार्न की अराइवल, इंपोर्टेड यार्न व कच्चे सिल्क की मात्रा तथा बदलती कीमतों आदि पर निगरानी रखता है।
इसके अलावा, सेरीकल्चरिस्ट को फील्ड जरूरतों के मुताबिक केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा मदद उपलब्ध कराई जाती है। सिल्क की कीमतें विभिन्न कारकों जैसे डिमांड और सप्लाई तथा अन्य मार्केट कंडीशन पर निर्भर करती हैं।
स्रोत : भास्कर