वाणिज्य मंत्रालय छोटे निर्यातकों के लिए बीमा प्रीमियम दर को घटाने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल में प्रस्ताव पेश करेगा

Image result for वाणिज्य मंत्रालयनयी दिल्ली : वाणिज्य मंत्रालय छोटे निर्यातकों के लिए बीमा प्रीमियम दर को घटाने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल में प्रस्ताव पेश करेगा। जिन निर्यातकों की बकाया सीमा 80 करोड़ रुपये से कम होगी उनके लिये बीमा प्रीमियम दर घटाकर 0.60 प्रतिशत की जायेगी । वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को यह बात कही। मंत्री ने कहा कि फिलहाल प्रीमियम की दर 0.72 प्रतिशत है। इसके अलावा 80 करोड़ रुपये से ऊपर की सीमा वाले निर्यातकों की मदद के लिए प्रीमियम को सुव्यवस्थित किया जाएगा। इस तरह के निर्यातकों को कई वर्गों में बांटा जाएगा। इनमें गैर – स्वर्ण , आभूषण और हीरा समेत अन्य निर्यातक शामिल होंगे। गोयल ने संवाददाताओं को बताया , “80 करोड़ से कम की सीमा वाले खातों के लिए प्रीमियम की दर 0.60 प्रतिशत सालाना और 80 करोड़ से अधिक के लिए उसी बढ़े कवर पर प्रीमियम की दर 0.72 प्रतिशत होगी। ” उन्होंने कहा कि भारतीय निर्यात ऋण गारंटी निगम (ईसीजीसी) ने नई स्कीम निर्विक (निर्यात ऋण विकास योजना) पेश की। यह बैंकों को निर्यातकों को कर्ज देने में ज्यादा सुविधा प्रदान करेगी। वाणिज्य मंत्री ने कहा कि इस सुरक्षा कवर का दायरा बढ़ाया गया है इसमें न सिर्फ बकाया मूलधन को शामिल किया गया है बल्कि बिना चुकाए ब्याज (अधिकतम दो तिमाही या एनपीए की तारीख , जो भी पहले हो) को भी रखा गया है। मूलधन और ब्याज , दोनों के संबंध में कवर को मौजूदा 60 प्रतिशत से बढ़ाकर 90 प्रतिशत कर दिया गया है। गोयल ने कहा कि निर्यात ऋण बीमा योजना (ईसीआईएस) में दावों के निपटान की प्रक्रिया को सरल बनाने और चूक के मामले में कर्ज के अंतिम उपयोग के प्रमाण को प्रस्तुत करने के 30 दिनों के भीतर 50 प्रतिशत भुगतान करने की परिकल्पना की गई है। ईसीआईएस सहायता पांच साल के लिए लागू रहेगी और इसके समाप्त होने पर बैंकों के लिए मानक ईसीजीसी कवर उपलब्ध रहेगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत , 10 करोड़ रुपये से ऊपर के नुकसान के मामलों में ईसीजीसी अधिकारियों द्वारा बैंक दस्तावेजों और रिकॉर्डों की जांच – पड़ताल अनिवार्य होगी। मौजूदा समय में यह सीमा एक करोड़ रुपये है। उन्होंने कहा कि इस प्रस्तावित कवर से कर्ज की लागत में कमी , प्रावधान जरूरतों में कमी आएगी। साथ ही दावों के त्वरित निपटान से पूंजी उपलब्धता बढ़ेगी और निर्यात क्षेत्र के लिए पर्याप्त और समय पर कार्यशील पूंजी सुनिश्चित होगी। गोयल ने कहा कि 90 प्रतिशत बीमा कवरेज मिलने के बाद , छोटे निर्यातकों को करीब 7.6 प्रतिशत की दर से ऋण मिलेगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा , ” यदि लेनदार का ट्रैक रिकार्ड अच्छा होगा , उन्हें किफायती दरों पर आसानी से कर्ज मिल सकेगा। इस पर ब्याज सहायता नहीं मिलेगी। ” रत्न एवं आभूषण , हस्तशिल्प , योग और पर्यटन के लिए चार मेगा शॉपिंग फेस्टिवल का आयोजन किया जाएगा। राज्यों को इसके लिए आवेदन करने के लिए कहा गया है। अब तक उत्तर प्रदेश ने हस्तशिल्प फेस्टिवल आयोजित करने के लिए अनुरोध किया है। विदेशी मुद्रा ऋण पर उन्होंने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक और ईसीजीसी ने निर्विक योजना के तहत मिलकर एक अवधारणा विकसित की है। इसके तहत , एसबीआई सभी निर्यातकों के लिए सभी बैंकों से डॉलर वाला कोष उपलब्ध कराएगा , जिन्हें पूंजी जुटाने में दिक्कत होती है। उन्होंने कहा , ” बैंकों ने सहमति व्यक्त की है कि वे इन निर्यातकों को करीब 3.5 प्रतिशत पर पूंजी देंगे। ” गोयल ने कहा कि इन सभी उपायों से निर्यातकों की यह शिकायत दूर हो जाएगी कि उन्हें किफायती दर पर पूंजी जुटाने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। source by NBT

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