ललित मोदी के खिलाफ डीआरआई करेगा कस्टम ड्यूटी चोरी की जांच

नई दिल्ली : डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस यानी डीआरआई ने आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी द्वारा कस्टम ड्यूटी की चोरी मामले में जांच तेज कर दी है। मोदी पर बॉम्बार्डियर चैलेंजर एयरक्राफ्ट के इंपोर्ट के दौरान ड्यूटी चोरी का आरोप है।034_modi
जांच एजेंसी ने इस मामले में कस्टम ओवरसीज इंटेलिजेंस नेटवर्क (सीओआईएन) से संपर्क कर नई सूचना मांगी है। अधिकारियों ने बताया कि इस विमान को ट्रैवल फर्म गोल्डेन विंग्स ने इंपोर्ट किया था और 2009-10 के दौरान मोदी ने इसका इस्तेमाल किया। यह वैसे मामलों में से एक है, जिसकी जांच के जरिये सरकार मोदी पर शिकंजा कसने की तैयारी में है।
फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट ऐक्ट (फेमा) और कस्टम ड्यूटी मामले में मोदी के खिलाफ जांच के बावजूद उन्हें विदेश मंत्रालय की तरफ से ट्रैवल डॉक्युमेंट्स मुहैया कराए गए। दिल्ली हाई कोर्ट ने एजेंसी की जांच के बावजूद अपने फैसले में डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन को विमान का रजिस्ट्रेशन रद्द करने को कहा था।

आरोप है कि बिना कस्टम ड्यूटी चुकाए इस विमान को भारत लाया गया था। माना जा रहा है कि यह विमान ब्रिटेन स्थित केंट के एयरपोर्ट पर रखा गया है। मोदी के भारत से निकलने के कुछ दिनों पहले अप्रैल 2010 में इसे देश से बाहर ले जाया गया था। डीआरआई के अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने ब्रिटेन के संबंधित अधिकारियों से संपर्क कर इस विमान और इसके मालिकाना हक के बारे में विस्तार से जानकारी मांगी है। डीआरआई को आशंका है कि यह विमान मोदी का है और उन्होंने आईपीएल के पैसे से इसे खरीदा है।
डीआरआई के मुताबिक, कस्टम ड्यूटी में छूट तब दी जाती है, जब विमान का इंपोर्ट नॉन-शेड्यूल्ड पैसेंजर सर्विसेज या नॉन-शेड्यूल्ड चार्टर सर्विसेज के लिए किया जाता है। एजेंसी ने अपने कारण बताओ नोटिस में आरोप लगाया है कि मोदी ने मुंबई की इकाई गोल्डेन विंग्स के जरिये एयरक्राफ्ट का इंपोर्ट कर 18.32 करोड़ रुपये के कस्टम ड्यूटी की चोरी की। हालांकि, ललित मोदी इससे इनकार करते हैं। गोल्डेन विंग्स ने डीआरआई को यह भी बताया कि मोदी के पास भारत में कोई विमान नहीं है।
डीआरआई ने बताया कि कस्टम ड्यूटी से बचने के लिए विमान का इंपोर्ट नॉन-शेड्यूल्ड (पैसेंजर) सर्विसेज को दिखाकर किया गया, जबकि वास्तव में यह निजी इस्तेमाल के लिए था। एजेंसी का कहना है कि गोल्डेन विंग्स ने इस्तेमाल की शर्तों का उल्लंघन किया था, लिहाजा वह इसे जब्त करन चाहती है।
हालांकि, जब तक जांच एजेंसी कार्रवाई कर पाती, उससे पहले यह देश से बाहर चला गया। डीआरआई के मुताबिक, एयरक्राफ्ट को गोल्डेन विंग्स के नाम पर पील एविएशन, आयरलैंड से 10.85 करोड़ रुपये में 7 साल के लिए इंपोर्ट किया गया था। इस विमान की कॉस्ट 120 करोड़ मानी जा रही है।
स्रोत : ईटी

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