लखनऊः एयरपोर्ट जैसा दिखेगा गोमती नगर स्टेशन, अटल के नाम पर होगा विकास

लखनऊ
केंद्रीय रेलमंत्री पीयूष गोयल ने लखनऊ के गोमती नगर टर्मिनल का काम ढाई साल के भीतर पूरा होने का ऐलान किया है। मंगलवार को यहां हो रहे काम के निरीक्षण के बाद उन्होंने बताया कि गोमती नगर टर्मिनल अब अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर डिवलेप होगा। 42 एकड़ जमीन पर डिवलेप किए जा रहे गोमती नगर टर्मिनल में मल्टीप्लेक्स, रेस्तरां, अंडरग्राउंड पार्किंग और मॉड्यूलर बजट होटल के साथ शॉपिंग मॉल भी

1910 करोड़ होगा खर्च
गोमती नगर टर्मिनल डिवेलप करने में 1910 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसका काम नैशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कम्पनी (एनबीसीसी) को सौंपा गया है। रेल मंत्री ने बताया कि स्टेट ऑफ टेक्नॉलजी का इस्तेमाल कर इसे नए सिरे से डिवलेप किया जाएगा। नई प्लानिंग में पहले से घोषित दूसरी योजनाओं को भी शामिल किया जाएगा।

ये सुविधाएं होंगी
ट्रेनों के इंतजार के लिए एयरपोर्ट की तर्ज पर फर्स्ट फ्लोर पर वेटिंग हॉल बनाए जाएंगे।
तीसरी और चौथी मंजिल को शॉपिंग मॉल की तरह डिवेलप किया जा सकेगा।
गोमतीनगर स्टेशन पर दो अतिरिक्त रेलवे लाइन बनेंगी।
गुजरने वाली ज्यादातर ट्रेनों का ठहराव यहीं होगा।
गोमतीनगर से कानपुर जाने वाली ट्रेनों को ऐशबाग से सीधे मानकनगर रवाना किया जाएगा।

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चार साल में पांच गुना निवेश
रेलमंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि रेलवे ने पिछले चार साल में उत्तर प्रदेश में पांच गुना निवेश किया है। साल 2009 से 2014 तक मात्र 5500 करोड़ रुपए निवेश किए गए, जबकि 2014 से 2018 में यह आंकड़ा 27000 करोड़ रुपये का है। जो काम कई साल से अटके थे, वे तेजी से पूरे किए जा रहे हैं। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का काम भी तेजी से बन रहा है। मई 2019 तक 350 किमी यूपी का डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर चालू होने के आसार हैं।

आउटर पर ट्रेनों के रुकने में कमी हुई
रेलमंत्री ने बताया कि लखनऊ में आउटर पर ट्रेनों के रुकने का सिलसिला घटा है। पहले रोजाना 50 ट्रेनें आउटर पर रुकती थीं, अब इनकी संख्या घटकर 20 रह गई है। उन्होंने कहा कि रेलवे अपने सभी 13 लाख कर्मचारियों को अपने-अपने घरों के मालिक बनाने की योजना पर भी काम कर रहा है।

सौजन्य से: नवभारत टाइम्स

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