मोदी सरकार में छोटे एक्सपोर्टर्स के बुरे दिन : डीईए

नई दिल्ली : दिल्ली एक्सपोर्ट एसोसिएशन ने एक्सपोर्ट में आई गिरावट के लिए केंद्र सरकार नई नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है। दिल्ली एक्सपोर्ट एसोसिएशन ने एक प्रस्ताव पारित कर मौजूदा हालात को छोटे एक्सपोर्टर्स के लिए गंभीर संकट करार दिया। संगठन ने नई विदेश व्यापर नीति के तहत आधा दर्जन फोकस्ड स्कीमों को एक मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट फ्रॉम इंडिया स्कीम (एमईआइएस) में मिलाने को धोखा करार दिया।icd

इसके तहत इंसेंटिव में 2 पर्सेंट की कटौती की गई। डीईए की वाइस प्रेजिडेंट निकिता अग्रवाल ने कहा-

कि दिल्ली के छोटे निर्यातकों की दिक्कतें हाल में बढ़ी हैं।इनलैंड कंटेनर डिपो में 11 बजे बाद एंट्री नही मिलती, जबकि कई बाजारों में दिन में लोडिंग- अनलोडिंग बंद हो गई है। रेल के भाड़े में इजाफा हुआ है। कस्टम हाउस एजेंट और फॉरवार्डिंग एजेंट के चार्जेज पर सरकार का कोई नियंत्रण नही रह गया है। वे मन मने रेट चार्ज करते हैं। एसोसिएशन ने इस बात पर भी चिंता जताई कि बांग्लादेश, थाईलैंड पाकिस्तान जैसे देशों को ग्लोबल मार्केट में मिल रही 1-15 पर्सेंट तक की ड्यूटी छूट से घरेलू छोटे निर्यातकों के लिए वहां कंपीट कर पाना मुश्किल हो रहा है। इस दिशा में केंद्र अभी तक कोई ठोस पहल नही की है। 

दिल्ली एक्सपोर्ट एसोसिएशन के प्रेजिडेंट टी.आर मनकलता ने कहा अप्रैल में वास्तविक एक्सपोर्ट 14 पर्सेंट कम हुआ है। और ऑर्डर्स में 35 पर्सेंट की गिरावट आई है। एमएसएमई सेक्टर्स के साथ यह छलावा है। हमारे इंसेंटिव कटे जा रहे हैं प्रमोशन स्कीमें बंद हो रही हैं।

एसोसिएशन ने प्रश्ताव में कहा की एमईआईएस के तहत इंसेंटिव रेट 2-7 पर्सेंट घटाकर 2-5 पर्सेंट करने का सबसे बुरा असर एमएसएमई पर पद रहा है। फोकस्ड प्रोडक्ट स्कीमों के लिए एप्लीकेशन फीस 1000 हजार रूपये तय कर दी गई है, जो पहले शून्य होती थी। हर पोर्ट के लिए अलग एप्लीकेशन। हर स्क्रिप्स को हर पोर्ट पर अलग से रजिस्टर करना पड रहा है। किसी भी देश में निर्यात पर एमईआइएस क्लेम करने के लिए प्रूफ ऑफ़ लैंडिंग दिखाना अनिवार्य कर दिया है। नॉएडा और ओखला की एक्सपोर्ट फर्म मोनिका गारमेंट के एमडी अनिल वर्मा ने कहा, रूपये में हालिया डेप्रिसिएशन के बावजूद एक्सपोर्ट गिरना चिंता की बात है। सरकार बताये कि वह किसकी ट्रांजेक्शन कॉस्ट घटा रही है ? 25-30 करोड़ के टर्नओवर वालों को एमएसएमई में शामिल किया जा रहा है तो पांच करोड़ वाले किस इंसेंटिव का फायदा उठा पाएंगे। हमारी क्रेडिट कॉस्ट साऊथ एशिया में सबसे ज्यादा है। ड्यूटी ड्रॉ -बैक वैट और सर्विस टैक्स रिफंड में कोई तेजी नही आई है। हमारे तो बुरे दिन आ रहे हैं।

source  : ET

You are Visitor Number:- web site traffic statistics