मन की बात

Image result for एक्सपोर्ट मेंतीन साल पहले जब हमारे देश के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी थे तो मीडिया तथा लोगों में तरह -तरह की बातें सुनने को मिलती थी। भ्रष्टाचार के अलावा बहुत सी ऐसी बाते थी जिसका जवाब कही से नहीं मिलता था। मनमोहन सिंह जी या तो चुप रहते थे या बोलते थे तो लिखा हुआ भाषण बोलते थे। बहुत खलता था कि यह क्या प्रधानमंत्री है भाई देश के लोग कुछ पूछना चाहते है कुछ बोलो। दिल में आता था की कोई ऐसा प्रधानमंत्री हो जो जनता के साथ बात करे।
मोदी जी आए हमारी बात भी पूरी हो गई। इलेक्शन भाषण में जो बोलते है बोलते है। हर महीने मन की बात में भी बोलते है। चाहे मन की बात न बोले मगर कुछ सवालों का जवाब मिल ही जाता है। वैसे ज्यादा बोलने वाला अपनी बातों में खुद फंस भी जाता है। पब्लिक तो बात पकड़ लेती है कि आपने यह बात उस वक्त कही थी। खैर जो भी है सब अच्छा लगता है बोलना ही चाहिए। जो न बोले लोग उसे घुना आदमी बोलते है।
बोलने वाले को मन का साफ आदमी कहा जाता है कहते है जो अन्दर है वही बाहर है। मैने भी सोचा है की मैं भी आपसे हर महीन मन की बात किया करूंग। वैसे मैं बिना लाग लपेट के सब लिखता ही रहता हूं मन में कोई बात नहीं रखता। इस महीने आप से बात करना चाहता हूं।
एक्सपोर्ट में 30 सितम्बर को ड्रॉ बैक बंद कर दिया गया। ड्रॉ बैक माफिया ने आखिरी के दिनों में अरबों का एक्सपोर्ट किया कटा-फटा शॉट शिपमेंट के अलावा खाली कंटेनर तक भेज दिये गए। पड़पड़गंज में ड्रॉ बैक घोटाला समय रहते पकड़ा गया।
कमिश्नर साहब ने 1 डी.सी समेत 4 अफसर सस्पेंड़ किये। कमिश्नर साहब से बात भी कि गई सब कुछ बचा लिया कुछ नहीं हुआ लेकिन ऐसा हो नहीं सकता की चूना न लगा हो जो माल चढ़ गया और निकल गया उसका तो कुछ हो नहीं सकता था। 25 सितम्बर को हमे कई लोगों के फोन आये की सर तुगलकाबाद में एसआइआइबी एक्सपोर्ट 4 से 6 लाख रुपए पर कंटेनर मांग रहे है 100 प्रतिशत एग्जमीन करने का।
26 सितम्बर की शाम को हमने कमिश्नर एक्सपोर्ट आईसीडी तुगलकाबाद की नॉलेज में डाला 27 सितम्बर को डीआरआई हेडक्वाटर की नॉलेज में डाला की माल लाईन में लगा है। पहले ही 100 प्रतिशत जांच के पेपरों पर मोहर लग रही है। कॉनकोर के एक कर्मचारी का नाम भी लोग ले रहे है जगह देने के नाम पर 10-15 हजार रुपए लिये गये। पूछा जाये की लास्ट के दिनों में जितना माल एक्सपोर्ट हुआ क्या अंदर रखने की इतनी जगह थी ऐसे और भी कई प्रश्न है जिसके उत्तर कौन देगा ? पूरे देश के एयर तथा सी पोर्ट पर ड्रॉ बैक के घपलों की खबरे आई ड्रॉ बैक माफिया ने खूब धन कमाया। अगर अफसर सस्पेंड़ हुऐ सिर्फ पड़पड़गंज में ही ऐसा क्यों तुगलकाबाद में क्यों नहीं ? कमिश्नर कमजोर थे ? या नीचे के अफसर पावरफूल थे ?
क्या आईसीडी तुगलकाबाद में ड्रॉ बैक घोटाला नहीं हुआ कुछ कंटेनर मुंबई में रोके गये। सभी जगहो पर जांच होनी चाहिये। जिन लोगों की औकात नहीं गेस्ट हाउस में रहने की वह लोग दुबई के सबसे महंगे होटलों में रहते है। अभी भी यह उम्मीद कर रहे है सरकार से की ड्रॉ बैक दोबारा शुरू हो जाये। मार्केट सूत्रों की सुने तो कुछ लोग चाहते है की ड्रॉ बैक बढ़ना नहीं चाहिए लेकिन एक तरफ लोग चाहते है कि 5 प्रतिशत भी अगर ड्रॉ बैक बढ़ जाये तो एक्सपोर्ट बढ़ जाएगा।
फर्जी कंपनियों को रोकना बहुत जरूरी है नई कम्पनी बनाने पर पासपोर्ट की कॉपी भी लगाई जाये। ड्रॉ बैक में मिलने वाला पैसा पब्लिक के खून पसीने की कमाई है जो इन माफियाओं में सरकार बांट देती है अगले महीने बात करेंगे उन ईमानदार कमिश्नरों की जिन को सरकार ने गलत काम रोकने के लिए लगाया है आज कोई अफसर आईसीडी में पोस्टिंग नहीं चाह रहा है । अफसर डरे-डरे क्यों है ? आशिमा बंसल को इम्पोर्ट में लगाया गया। पुष्कारना जी को एक्सपोर्ट में लगाया गया। आईसीडी के अफसर क्यों कह रहे है की हमारी पोस्टिंग खराब दी गई है।

You are Visitor Number:- web site traffic statistics