नई दिल्ली : सीबीआई ने दुबई से पेस्ट के रूप में सोने की तस्करी करने वालों की मदद के आरोप में बेंगलुरु के कस्टम और जीएसटी से जुड़े तीन अफसरों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। जांच एजेंसी को सूचना मिली थी कि डीआरआई के अधिकारियों ने उन छह अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को रोका था जिन्हें दुबई से लाए गए सोने को यहां पर कुछ लोगों को देना था। जांच में इस बात का भी पता चला कि तस्करी के माध्यम से जो सोना लाया गया था वह पेस्ट (क्रीम) के रूप में था और जिसे इन छह यात्रियों ने कमर में बंधी बेल्ट में छिपा रखा था।
जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि 14 अक्टूबर 2018 को ये छह अंतरराष्ट्रीय यात्री 3.67 करोड़ रुपये की कीमत का 11 किलो सोना लाए थे जिसे डीआरआई के अधिकारियों ने जब्त किया था। जांच के दौरान यह पता चला कि तस्कर सोने को पहले पाउडर में बदलते थे इसके बाद किसी अन्य तत्व में सोने को मिलाकर ऐसा यौगिक बनाते थे जो देखने में पेस्ट जैसा लगता था। इसे वह कमर में बंधी बेल्ट में छिपाकर भारत लाए थे।
आरोप है कि केंद्रीय कर अधीक्षक जीएसटी रजनीश कुमार सरोह, बेंगलुरु अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे में कस्टम के तत्कालीन इंस्पेक्टर सुदर्शन कुमार और एयर इंटेलिजेंस इकाई के कस्टम इंस्पेक्टर शिव कुमार मीणा की सोने की तस्करी करने वालों के साथ मिलीभगत थी और इन लोगों ने सोना लाने वाले यात्रियों को बिना किसी परेशानी के कस्टम चेकिंग जोन से बाहर जाने दिया।
एजेंसी ने यह भी आरोप लगाया है कि ये अधिकारी जहां बेंगलुरु के बेस्ट वे सुपर मार्केट के मालिक एनटी जमशीर के साथ मिलकर काम कर रहे थे वहीं दुबई स्थित कई अन्य तस्करों के संपर्क में भी थे। आरोप है कि सरोह को एक बार में जमशीर से 75,000 रुपये मिलते थे और वह सुदर्शन कुमार और मीणा को प्रत्येक तस्कर को बाहर जाने देने के लिए 15,000 रुपये देता था। तस्कर सोना आसानी से बाहर ले जा सकेंए इसके लिए ऐसे यात्रियों का चयन करते थे जो संदिग्ध की सूची में नहीं होते थे।
ऐसे यात्रियों का विवरण अग्रिम तौर पर जशीर के पास भेज दिया जाता था। सरोह कस्टम डाटाबेस की जांच करके जमशीर को बताता था कि चयनित किया गया यात्री संदिग्धों की सूची में है या नहीं।