फर्जी ड्रॉ बैक का धंधा बन्द होने से सरकार को अरबों का फायदा मगर फर्जी एक्सपोर्टरों में मचा हाहाकार

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नई दिल्ली : फर्जी ड्रॉ बैक का धंधा बन्द होने से सरकार को अरबों का फायदा मगर फर्जी एक्सपार्टरों में भारी निराशा ड्रॉ बैक का खेल सालों से चला आ रहा है। बहुत से लोग अरबोपति बन चुके है। यह कहना गनीमत होगा की देश में नम्बर दो का काम करने वालों की मोदी जी ने कमर तोड़ दी है आज 2 प्रतिशत ड्रॉ बैक होने से एक्सपार्ट में भारी गिरावट आ गई है। अब सिर्फ ओरिजनल काम ही हो रहा है क्योंकि चौके-छक्के मारने का काम बन्द हो गया है सभी एक्सपोर्ट में नए नियम आने का इंतजार कर रहे है कि शायद मोदी जी लोगों के रोष को देखते हुए कुछ रिलेक्स दे दें।

मोदी जी ने नब्ज तो बिल्कुल ठीक पकड़ी है दो नम्बरियों कि लेकिन यह इतना बड़ा माफिया गिरोह है इनकी सरकार में इतनी पकड़ है कि मोदी जी को अपना स्टेंड़ बदलना पड़ सकता है । कई नेताओं तथा माफियाओं के परिवार इस धंधें से चलते है 20 रुपए की आइटम 250 में भेजना तथा कटा-फटा माल भेजना। 20 फीट के कंटेनर के माल को 40 फीट बनाकर भेजना यह सब सालों से चलता आ रहा है अफसरों की मिली भगत से सैकड़ो लोग तथा अफसर करोड़ोंपति बन चुके है। अभी दिल्ली तथा मुम्बई में इन माफियाओं का भंड़ाफोड़ भी हुआ है।
अफसरों की मिली भगत से बिना माल भेजे करोड़ों-अरबों के ड्रॉ बैक के पेपर बना दिये गए थे। पूरे अपराध जगत में हाहाकार है कितनों की रोटी बन्द हो गई है। एक्सपोर्ट में कई पोस्टिंग अब मलाईदार नहीं रहेगी।
नार्थ ब्लाक से खबर आ रही है वह अच्छी ही नहीं रही है ऐसा लगता है कि ड्रॉ बैक माफिया दुबारा से रिलिफ पा लेगा और यह खेल पूरे जोर से चालू होगा। दुबई में भी इसका खास असर हुआ है सारे ड्रॉ बैक स्मगलर वही होते है।

मोदी जी को अभी पता नहीं की यह नोट बन्दी से भी बड़ा फैसला है अपने देश में खास तौर पर दिल्ली, नोएड़ा, मुम्बई तथा अन्य कई बड़े शहर इस ड्रॉ बैक घोटालो से ही पलते है। बहुत बड़ा आंकड़ा होगा बेराजगारों का जो इस धंधे से चलते थे। बहुत ही गरीब लोग इस धंधे अरबोंपति बने है किस-किस नामी लोगों का नाम लिखु शर्म आती है। क्योंकि अब वह बहुत इज्जतदार लोग हो चुके है। दिल्ली आइसीडी के ही आंकड़े गिने जाये हर साल के तो सरकार के होश उड़ जायेंगे। 2000 से लेकर 2017 तक उन एक्सपोर्टरों की लिस्ट निकाली जाये जिन्होंने हर साल 100 करोड़ का ड्रॉ बैक किया है। एक बड़े कस्टम अफसर के अनुसार जिसने 2000 मे 100 करोड़ का ड्रॉ लिया है अगले साल वह नहीं रहा कहां२ गया।

दूसरा आ गया। इसी तरह हर साल करोड़ों का ड्रॉ बैक का लेने वाले लोग बदलते रहे। नई-नई कम्पनियां आती रही कई पकड़े जाते है डीआरआई के पास सारा रिकार्ड है ह२र तरह का कागजी भी तथा प्रेक्टीकली भी सबसे बड़ी बात है इन धंधों के बन्द होने का। कस्टम के साथ-साथ ड्रॉ बैक माफिया का भी धंधा बन्द हो गया है।कई भ्रष्ट अफसरों ने भी इन माफियाओं का बहुत साथ दिया है।

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