पैड्स से जीएसटी खत्म, एमआरपी नहीं हुआ कम

कंपनियों ने परचेज रेट को बढ़ाकर एमआरपी को रखा है बराबर

वरिष्ठ संवाददाता, गाजियाबाद

बेशक केंद्र सरकार ने सैनिटरी पैड्स को जीएसटी से मुक्त कर दिया, लेकिन महिलाओं को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। बाजार में पुराने स्टॉक को ही जीएसटी के रेट पर बेचा जा रहा है। मेडिकल स्टोर संचालकों का कहना है कि हमें जितने रुपये में सैनिटरी पैड्स पहले मिलते थे, उतने ही रेट पर अभी भी मिल रहे हैं। कंपनियों ने बेशक जीएसटी खत्म कर दिया है, लेकिन परचेज रेट बढ़ा दिया है, इसके कारण पुराने रेट पर ही सैनिटरी पैड्स बेचे जा रहे हैं। महिलाओं का कहना कि हमें गुमराह करने के लिए सरकार ने पैड्स को जीएसटी से मुक्त किया था, लेकिन इसका फायदा किसी को नहीं मिल रहा है।

20 पैड्स का पैक 110 रुपये में

आरडीसी स्थित नीलकंठ मेडीकोज के संचालक निरंजन ने बताया कि पहले भी 110 रुपये में 20 पैड्स का पैक बेचा जा रहा था। नया माल जो आया है, उस पर भी एमआरपी 110 रुपये ही है। पहले परचेज प्राइस 87.69 रुपये थी। इस पर 12 फीसदी जीएसटी लगाया गया है। वहीं, नये रेट में परचेज प्राइस को बढ़ाकर 96.43 रुपये कर दिया गया है। इसलिए नया एमआरपी भी 110 रुपये रखा गया है। वहीं, नेहरू नगर के मेडिकल स्टोर संचालक शिव कुमार ने बताया कि सैनिटरी पैड्स का पुराना स्टॉक पड़ा हुआ है, इसे पुराने रेट पर ही बेचा जा रहा है।

13 रुपये की होती बचत

अगर कंपनियां ठीक तरीके केंद्र सरकार के आदेश को लागू करें तो लोगों को 13.20 रुपये की बचत होगी, लेकिन कंपनियों ने परचेज रेट को 8.74 रुपये बढ़ा दिया है। इसकी वजह से एक रुपये का भी फायदा नहीं हो रहा है।

पी-टॉक

केंद्र सरकार ने जरूर सैनिटरी पैड्स से जीएसटी हटा दिया है, लेकिन इसका फायदा नहीं मिल रहा है। पुराने स्टॉक को भी जीएसटी से मुक्त करना चाहिए, ताकि महिलाओं को फायदा मिल सके। -पूर्णिमा वर्मा

केंद्र सरकार ने केवल वोटबैंक के चलते जीएसटी से सैनिटरी पैड्स को मुक्त किया है, जबकि कंपनियों ने अभी तक एक भी रुपया कम नहीं किया है। -विभा शर्मा

सरकार को केवल घोषणा करके भूल नहीं जाना चाहिए, उसे चेक करना चाहिए कि पब्लिक को लाभ मिल रहा है या नहीं। -सुनाक्षी सैनी

जिन कंपनियों ने जीएसटी फ्री होने के बाद भी अभी तक सैनिटरी पैड्स पर रेट कम नहीं किए हैं, उसकी जांच करके उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। – नेहा मोहंती

कोट

केंद्र सरकार की तरफ से सैनिटरी पैड्स को जीएसटी से फ्री किया गया है। यदि अभी भी जीएसटी लिया जा रहा है तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। जहां तक परचेज रेट का सवाल है तो उसकी जांच की जाएगी। देखा जाएगा कि लागत कितनी बढ़ गई है। -अभिनव कुमार, असिस्टेंट कमिश्नर, सेंट्रल जीएसटी

यहां करें शिकायत

-सेंट्रलाइज्ड पब्लिक ग्रिवांस रिड्रेस एंड मॉनिटरिंग सिस्टम पोर्टल पर जाकर शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।

-कंज्यूमर फोरम में जाकर भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं ।

-हापुड़ चुंगी स्थित सेंट्रल जीएसटी ऑफिस में जाकर शिकायत की जा सकती है।

सौजन्य से: नवभारत टाइम्स

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