निर्यातकों को मिलेगा इंसेंटिव, केंद्र सरकार जुटाऐगी ऑनलाइन शिपमेंट डेटा

नई दिल्ली : सरकार ने मार्केटप्लेस की परिभाषा तय करने के बाद अब ईकॉमर्स प्लेटफॉम्‍​र्स के जरिए एक्सपोर्ट को बढावा देने की कोशिशों के तहत विदेश में होने वाली सेल्स का डेटा हासिल करने की योजना बनाई है। अभी तक ईकॉमर्स प्लेटफॉम्‍​र्स के जरिए होने वाल इम्पोर्ट पर कई स्टडीज की गई हैं, लेकिन एक्सपोर्ट पर कोई स्टडी नहीं हुई है।
एक स्टडी में अन्य देशों से भारत की ऑनलाईन शॉपिंग पर 2015 में 54,700 करोड़ रूपये का खर्च होने का अनुमान बताया गया था, जो 2016 में 78.5 पर्सेंट बढ़ सकता है।
इस डिवेलपमेंट की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने बताया, एक्सपोर्ट के लिए साफ्टवेयर तैयार है और इसके जरिये कुछ डेटा एकत्रा कर छोटे एक्सपोर्टर्स को फायदे देने की उम्मीद है। कूरियर्स के जरिए भेेजे जाने वाले आइटम्स को आमतौर पर एक्सपोर्ट डेटा में शामिल किया जाता क्योंकि इन्हें सैम्पल या गिफ्ट की कैटेगरी में रखा जाता है।
एक्सपोर्टर्स इन्हें सैम्पल कहते है क्योंकि सामान्य एक्सपोर्ट रूट के तहत उन्हें इसके लिए शिपिंग बिल भरने होते है और कस्टम अधिकारियों के जांच से गुजरना पडता है, जो विशेषतौर पर कम वैल्यू वाली शिपमेंट भेजने वाले छोटे एक्सपोर्टर्स के लिए एक जटिल प्रक्रिया है।
अधिकारी ने कहा सॉफ्टवेयर से यह समस्या समाप्त हो जायेगी। हम ईकॉमर्स एक्सपोर्ट के लिए ड्यूटी ड्रॉ-बैक भी दे सकते हैं। छोटे एक्सपोर्टर्स को बेनेफिट्स देने के लिए डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड ने ईकॉमर्स की परिभाषा डिजिटल प्रॉडक्टस सहित गुड्स ओर सर्विसेज की खरीद और बिक्री के रूप में दी है। जो डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क के जरिए होती है।
सरकार ने एक वर्ष पहले 2015.20 की फॉरेन टे्रड पॉलिसी में ईकॉमर्स इस्तेमाल कर कूरियर्स या फॉरेन पोस्ट ऑफिसेज के जरिए गुड्स के शिपमेंट पर एक्सपोर्ट इंसेंटिव्य उपलब्ध कराए है। अभी इन बेनेफिट्स को लेने के लिए एक्सपोर्ट की प्रति कंसाइनमेंट सीमा 25000 रुपये की है, जिसे इस तरह की खरीदारियों के लिए कम माना जाता है।
इसके अलावा मर्चेंडाइज एक्सपाट्‍​र्स फ्रॉम इंडिया स्कीम (MEIS) के तहत केवल छह प्रॉडक्ट कैटेगरी-हैंडक्राफ्ट, हैंडलूम, टॉय, कस्टमाइज्म फैशन गारमेंट्स, बुक्स और लैदर फुटवियर इन इंसेंटिव्स के लिए पात्र है।
एकसप्रेस इंडस्ट्री काउंसिल ऑफ इंडिया के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर विजय कुमार ने बताया, इंसेंटिव स्कीम सफल नहीं हुई है और हमने सरकार का इसे आसान बनाने को कहा था डेटा कलेक्शन सिस्टम को लागू करने में मुश्किलों का जिक्र करते हुए फेडरेशन ऑफ इंडियन एकसपोर्ट ऑर्गनाइजेशंस (फियो) के डायरेक्टर जनरल अजय सहाय ने कहा, सरकार को तभी डेटा मिलेगा जब एक्सपोर्टर्स MEIS के तहत बेनेफिट्स के लिए आवेदन करेंगे। लेकिन अभी बेनेफिट कॉस्ट से काफी कम हैं। हमें ईकॉमर्स शिपमेंटस का डेटा हासिल करने के लिए एक अलग प्रक्रिया बनाने की जरूरत है।
फिया ने कॉमर्स मिनिस्ट्री को पत्र लिखकर ईकॉमर्स रूट के जरिये होने वाले एक्सपोर्ट को वैट, एक्साइज और सर्विस टैक्स से छूट देने की मांग की है।

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