नई दिल्ली : कहते है सब्र का फल मीठा होता है दूसरी बात भी कहते है कि सच्चाई के रास्ते होते तो कठिनाई वाले है मगर मजा बहुत आता है। अब नजीब शाह को मजा आ रहा है या नहीं। मगर कई कठिनाईयों और रुकावटों के बाद चैयरमेंन बना दिया गया। लोगों के मुंह बंद हो गये ईमानदार अफसरों को विश्वास हो गया की सच्चाई और ईमानदारी की हमेशा जीत होती है।
नजीब शाह एक ऐसा नाम जिन्होंने कभी भी भ्रष्टाचार से समझौता नहीं किया। गलत को गलत और सहीं को सही लिखा। अब लोगों को इन से बड़ी उम्मीदें है कि सही लोगों की सुनवाई जरुर होगी भ्रष्ट लोगों की कमान कसी जायेगी। भ्रष्ट अफसर बार-बार मलाईदार सीटों पर अपना दबदबा कायम नहीं रख पायेंगे। सरकार के प्रति अपनी कड़वाहटों को भूल कर अपने काम में लग जाना चाहिए और कई इतिहास रचने चाहिए ताकि आने वाले चैयरमेंन भी उन का अनुसरण कर सके।