दो ट्रकों की भिड़ंत में कस्टम हवलदार की मौत

लार रोड। पेट्रोल पंप से तेल भराकर आ रहा ट्रक मईल के लक्ष्मण चौराहे पर खडे़ ट्रक से टकरा गया। इसमें ट्रक का अगला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। सवार ट्रक मालिक कस्टम हवलदार की मौके पर मौत हो गई। जबकि खलासी गंभीर रूप से घायल हो गया। उसका जिला अस्पताल में उपचार चल रहा है। हादसे के बाद ट्रक चालक गाड़ी से कूदकर फरार हो गया। ट्रक मालिक की मौत की सूचना से घर में कोहराम मच गया

 

लार कुंडावल तारा के संजय कुमार तिवारी (48) कस्टम विभाग में हवलदार थे। उनकी बढ़या हरदो में बिल्डिंग मैटीरियल और लार रोड में कपड़े की दुकान है। व्यवसाय उनके दोनों बेटे चंदन (28) और नंदन (22) देखते हैं। संजय तिवारी कुछ दिन के लिए छुट्टी पर घर आए थे। अपने व्यक्तिगत काम के लिए शनिवार को वह वाराणसी गए थे। रविवार सुबह उनका ट्रक सतना से सीमेंट लेकर लक्ष्मण चौराहे पर पहुंचा ही था कि तेल खत्म हो गया। सुबह में जब संजय तिवारी पैसेंजर ट्रेन से लौट कर अपनी लार रोड की दुकान पर पहुंचे थे, तभी ट्रक चालक ने फोन कर ट्रक में तेल खत्म होने की बात कही। संजय तिवारी किसी के साथ बाइक लेकर तेल भरवाने के लिए लक्ष्मण चौराहे के पेट्रोलपंप पर पहुंचे। तेल भरवाने के बाद अपने साथ आए बाइक सवार को अकेले भेजकर खुद ट्रक में सवार हो गए। ट्रक अभी पेट्रोल पंप से 100 मीटर आगे ही बढ़ा की चौराहे पर स्थित हनुमान मंदिर के पास खडे़ बालू लदे ट्रक से टकरा गया। टक्कर इतनी जोरदार थी कि ट्रक का अगला हिस्सा बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। ट्रक में सवार संजय तिवारी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि बलिया जिले के सिकंदरपुर के रसड़ी गांव निवासी खलासी इंद्रजीत गम्भीर रूप से घायल हो गया। जिसे मौके पर पहुंची यूपी-100 पुलिस ने पीएचसी भागलपुर में भर्ती कराया। जहां डॉक्टर ने प्राथमिक उपचार के बाद उसकी हालत गंभीर देखकर जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया। ट्रक चालक इंदल हादसे के बाद ट्रक छोड़कर फरार हो गया। मौत की सूचना मिलने पर पिता हरिहर तिवारी और मां फूलमती का रो-रोकर बुरा हाल है। वहीं, संजय की पत्नी दीपमाला बदहवास हो गईं हैं। संजय के दोनों बेटे चंदन व नंदन और बेटी बबली पिता की मौत से सदमे में हैं। इस बाबत एसओ मईल रविन्द्र रवि ने बताया कि घटनास्थल पर पुलिस पहुंची थी। तहरीर के आधार पर संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

 

संजय तिवारी फाइल फोटो।

बेटे को अफसर बनाने की तमन्ना रह गई अधूरी
लार रोड। कस्टम विभाग के हवलदार संजय तिवारी पिता हरिहर तिवारी के सपनों को पूरा करने के लिए रात-दिन एक कर दिए थे। लार रोड में पहले खाद-बीज की की दुकान थी। उसी के साथ कपड़े की दुकान भी हो गई। संजय कस्टम विभाग में नौकरी तो करते ही थे लेकिन जब भी वह घर आते थेपिता की दुकानदारी में हाथ बंटाते थे। बड़े बेटे की पढ़ाई पूरी होने पर लार रोड के पास बढ़या हरदो में बिल्डिंग मैटीरियल की दुकान खुलवा दिए और एक ट्रक भी ले लिए। संजय की मेहनत और कर्मठता को देखकर ग्रामीण भी उन्हीं का उदाहरण देने लगे थे। लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था। खुशियों से भरी बगिया में अचानक चक्रवात आया और संजय के सपने चकनाचूर हो कर बिखर गए। रविवार का सूर्योदय परिवार के लिए काला दिन साबित हुआ। संजय तिवारी अपने छोटे बेटे नंदन को पढ़ा-लिखाकर किसी अच्छे पद पर देखना चाहते थे। बेटा नंदन भी पिता की उम्मीदों को पूरा करने के लिये जी जान से लगा हुआ था। घर पर रह कर पढ़ाई करते हुए वह दुकान भी संभालता था। पिता चाहते थे कि नंदन स्नातक के बाद कहीं बाहर जा कर सिविल की तैयारी करे। लेकिन होनी को कौन टाल सकता है। रविवार का दिन संजय तिवारी के लिए काल बनकर आया और उनकी मौत ने परिवार पर विपत्तियों का पहाड़ खड़ा कर दिया। एक तरफ संजय के दोनों बेटे चंदन और नंदन पिता का शव देखकर बिलख रहे थे तो वहीं, बेटी सिद्धि पिता के जाने के गम में बार-बार बेहोश हो जा रही थी।

 

सौजन्य से: अमर उजाला

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