तीसरी बार बढ़ी पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी

नई दिल्ली : सरकार ने डीजल और पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर दी है। इससे हासिल अतिरिक्त रकम का इस्तेमाल सड़क बनाने में होगा। हालांकि ड्यूटी में इस बढ़ोतरी का असर कंज्यूमर्स पर नहीं पड़ेगा। इसका बोझ ऑयल मार्केटिंग कंपनियां उठाएंगी। वे इसकी भरपाई क्रूड ऑयल की कीमत में आई गिरावट के चलते होने वाली ज्यादा रिकवरी से करेंगी।
फाइनेंस मिनिस्ट्री ने एक बयान में कहा, ‘सरकार के महत्वाकांक्षी इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट कार्यक्रम में मौजूदा और अगले फिस्कल ईयर में खासतौर पर 15,000 किलोमीटर सड़क बनाने के वास्ते फंड मुहैया कराने के लिए ब्रांडेड और अनब्रांडेड, दोनों तरह के पेट्रोल और डीजल पर बेसिक एक्साइज ड्यूटी में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी करने का फैसला किया गया है।’
इस ड्यूटी हाइक से सरकार को इस फिस्कल ईयर के बाकी तीन महीनों में 6,000 करोड़ रुपये हासिल होंगे। इससे सरकारी खजाने पर बोझ घटेगा और सरकार योजनागत खर्च में इतने की कटौती करने से बच सकेगी। बयान के मुताबिक, ‘इन संसाधनों को रोड सेक्टर को मुहैया कराने से रोड कंस्ट्रक्शन सेक्टर में इकनॉमिक एक्टिविटी बढ़ेगी और रोजगार के मौके बनेंगे।’ नई एक्साइज ड्यूटी 2 जनवरी 2015 से लागू होगी।
31 दिसंबर 2014 को इंडिया के क्रूड इंपोर्ट बास्केट की कीमत घटकर $53.53 प्रति बैरल रह गई थी। यह पिछले साल के $108.76 प्रति बैरल के लेवल से महज आधा है। क्रूड ऑयल की कीमत में गिरावट आने से इंडियन इकनॉमी को तीन तरह से फायदा हुआ है। इससे फ्यूल की कीमत में कमी आई है जिससे महंगाई को नीचे रखने में मदद मिली है और इससे इंटरेस्ट रेट घटाने का मौका बना है। इससे सरकार को एक्साइज ड्यूटी को तीन बार बढ़ाने का मौका दिया है। इससे सरकार को इनडायरेक्ट टैक्स में आने वाली कमी को पूरा करने का मौका है। तीसरा फायदा इस फिस्कल ईयर में पेट्रोलियम सब्सिडी में तेज गिरावट के रूप में मिला है।
स्रोत : नवभारत टाइम्स 2 दिसम्बर 2015
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