चावल ईरान भेजे जाते थे मगर रास्ते में कागज बदल कर माल दुबई उतार दिया जाता था
नई दिल्ली : डीआरआई सूत्रा बताते है कि इस सारे केस में 1000 करोड़ के लगभग का घपला है। विदेशी करंसी की बजाये पैसा रुपये में यूको बैंक इंडिया में ही ले लिया जाता था। इस में चावल एक्सपोर्ट करने वाले बड़े-बड़े व्यापारी लोग है। दिल्ली से लेकर पंजाब तक के एक्सपोर्टर इस खेल में शामिल बताये जाते है। अभी पूछताछ जारी है।
सूत्र बताते है कि एक्सपोर्टर अपने को सही सिद्ध करने के लिए कोर्ट जा सकते है। मगर डीआरआई सूत्रों के अनुसार डीआरआई के पास हेराफेरी के पक्के सबूत है।
ईरान को उच्च गुणवत्ता वाले बासमत्ती चावल के निर्यात में 1000 करोड़ रूपये के घोटाले का खुलासा हुआ है। चावल को धोखाधड़ी से बीच समुद्र में मोड़कर ईरान की जगह दुबई पहुंचा दिया गया। राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) इसकी जांच कर रहा है। डीआरआई के मुताबिक, करीब दो लाख मीट्रिक टन बासमती चावल एक साल के दौरान गैरकानूनी तरीके से दुबई उतारे गए। इन्हें ईरान के बंदर अब्बास जाना था।
करोड़ों रूपये के इस घोटाले में शामिल होने को लेकर हरियाणा और पंजाब के करीब 25 बड़े निर्यातक डीआरआई और अन्य एजेसियों की जांच के घेरे में है।
सूत्रों ने बताया कि इन निर्यातकों द्वारा चावल को गुजरात के कांड़ला बंदरगाह पर लाया जाता था। निर्यातक चावल का ईरान में निर्यात करने से जुड़ा ’पोत परिवहन बिल’ जमा करते थे। चावल की खेप को ईरान ले जाने के बजाए जहाजों को उनके परिचालकों की मिली भगत से दुबई की ओर मोड़ दिया जाता था। हैरान करने वाली बात यह है कि भारत में इन निर्यातकों को चावल के बदले में ईरान से भुगतान किया जाता था। आयातकों व बंदरगाह अधिकरियों ने कथित तौर पर स्वीकार किया कि उनको चावल की खेप मिली और उन्होंने इनके एवज में भुगतान भी किया।