कस्टम में बैठे अफसर क्यों मजाक उड़ा रहे है डीआरआई का?
नईदिल्ली : डीआरआई एक ऐसा नाम है जिसके नाम से स्मगलर एक बार पकड़े जाने के बाद बपने बच्चों को यही समझाते है कि अपना काम इतना ध्यान से करो कि डीआरआई ना जाना पड़े। डीआरआई का सम्मन आने से ही अस्पतालों में दाखिल हो जाते थे गलत काम करने वाले। लिफ्ट मे से उतरते ही दो बार पेशाब जाने वाले स्मगलर आज डीआरआई से क्यों नहीं डर रहे? आज डीआरआई में कुछ भी अच्छा नहीं कुछ भ्रष्ट अफसरों के कारण आज सारे डिपार्टमेंट की बदनामी हो रही है।
एस समय था की अपनी जाबाजी के लिए तथा अच्छा काम करने के लिए डीआरआई में पोस्टिंग दी जाती थी मगर आज के जो हालात डीआरआई में दिख रही है कुछ भ्रष्ट अफसर सिर्फ पैसा कमाने के लिए आए है। अभी दिल्ली एयर कार्गो में जयपुर डीआरआई आकर बैठी रही क्यों? क्या कारण था कि दिल्ली वालों को एयर कार्गो में स्मगलिंग होती नजर नहीं आ रही थी।
एक ओर बड़े स्मगलर के यहां भी नोएडा डीआरआई कोे जाना पड़ा। दिल्ली वाले क्या कर रहे थे? कई सालों के अनुभव के बाद लिख रहा हूं कि इस समय डीआरआई अपनी छवि के विपरीत काम कर रही है। गन्दी मछली एक हो या दो स्स्टिम खराब करने के लिए काफी है। बिना पुख्ता सबूतो के जांच करने पंहुच जाना क्या शोभा देता है?
कुछ एयर कार्गो इम्पोर्ट पर काम करने वाले स्मगलर कम इम्पोर्टरों की आपसी रंजिश के कारण भी डीआरआई की बदनामी हो रही है। दिल्ली डीआरआई में फूट डालो शासन करो की राजनीति में यह स्मगलर कम इम्पोर्टर कामयाब हो गए है।
जयपुर डीआरआई के पास अगर पुख्ता सबूत थे कि दिल्ली एयर कार्गो में स्मगलिंग हो रही है। तो यह सूचना दिल्ली डीआरआई को ना देकर जयपुर के अफसर कार्गो में क्यों आए इसी तरह नोएडा के अफसर भी आये। आज दबी जुबान में डी.जी डीआरआई पर कस्टम अफसर भी उंगली उठा रहे है। दिल्ली इतनी छोटी है कि यहां कुछ भी नहीं छुपता हर बात शीशे की तरह साफ होकर आती है। अगर डीआरआई सीएचए कम स्मगलरों को बड़ी अच्छी तरह जानती है तो यह सीएचए भी इन अफसरों के बारे में पूरी जानकारी रखते है। कौन-कौन कितने पानी में है सब की है पहचान मुझे कहने वाले यह सीएचए कम स्मगलरों को आजतक डीआरआई नहीं सुधार सकी उल्टा आज डीआरआई आपस में उलझ कर रह गई है।