नई दिल्ली : हर साल कस्टम तथा सेंट्रल एक्साइज में ट्रांसफर पोस्टिंग होती है। जिसको एजीटी कहते है। रिश्वत तथा अपरोच का खेल खुल कर होता है।
खास तौर पर मलाईदार पोस्टों के लिए बोली लगाई जाती है। आज कल तो अच्छी सीट पर बैठो और महीना देते रहो अपने ऊपर बैठे गॉड फादर को।
खासतौर पर आईसीडी तुगलकाबाद, पड़पड़गंज, एक्साइज एंटीविजन, एसआईआईबी, पोल्सी, और कार्गो।
जहां-जहां रिश्वत का खेल होगा वहां-वहां भ्रष्ट अफसर साम-दाम- दण्ड-भेद से अपनी पोस्टिंग करवा लेगे कस्टम कानून की धज्जियां उड़ाई जायेगी।
कई जगहों पर तो अफसरों को ट्रांसफर आर्डर हुये 6-6 महीने हो चुके है मगर जाने का नाम नहीं सब मेनैज हो जाता है। हर शाख पर उल्लू का पट्ठा बैठा है, अंजामे गुलिस्तां क्या होगा। स्पोंसर करके कमिश्नर लाये जायेगे।
चेयरमैन शाह साहब पर लोगों की नजर थी कि वह आयेगे जो ईमानदार अफसर है। जादू की छड़ी घुमायेगे सब ठीक हो जायेगा मगर शायद उनके भी पर काट दिये गये है। जो कुछ होगा भ्रष्ट लोगों द्वारा सब माल खरीद लिया जायेगा।