जीएसटी से सरकार के रेवेन्यू में हुआ बड़ा इजाफा, प्रति माह औसतन 1 लाख रुपये जुटा रही सरकार

Image result for gstनई दिल्ली  इसे आम चुनाव से पहले सरकार की ओर से जनता को लुभाने प्रयास कहें या फिर कुछ और, लेकिन लोगों को जीएसटी में आने वाले दिनों में बड़ी राहत मिलने वाली है। शनिवार को जीएसटी काउंसिल की मीटिंग से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने एक तरह से बैठक का अजेंडा तय कर दिया है। पीएम मोदी ने मंगलवार को ऐलान किया कि जल्दी ही जीएसटी स्लैब में 99 फीसदी आइटम्स 18 पर्सेंट या फिर उससे भी कम के दायरे में आएंगे। अब सिर्फ लग्जरी आइटम्स ही 28 पर्सेंट के टैक्स स्लैब में आएंगे।

इन आइटम्स में मिलेगी बड़ी राहत: उपभोक्ता 25 से 30 आइटम्स पर छूट की उम्मीद कर सकते हैं। इनमें एसी, डिशवॉशर और डिजिटल कैमरा जैसे आइटम्स भी हो सकते हैं। इस तरह जीएसटी के टॉप स्लैब में अब 226 आइटम्स की बजाय 35 आइटम्स ही रह जाएंगे। 28 पर्सेंट जीएसटी के दायरे से ऑटोमोबाइल्स, सॉफ्ट ड्रिंक्स, सिगरेट, पान मसाला और तंबाकू उत्पाद इससे बाहर हो जाएंगे।

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हालांकि निजी इस्तेमाल के लिए एयरक्राफ्ट, रिवॉल्वर और पिस्तौल जीएसटी के सबसे अधिक 28 पर्सेंट के स्लैब में शामिल रहेंगे। इसके अलावा जिन चीजों में कमी देखने को मिलेगी, उनमें हाउसहोल्ड अप्लायंसेज शामिल होंगे। इसके अलावा सीमेंट, टायर और ऑटो पार्ट्स पर राहत मिलेगी। इसके अलावा कृषि उत्पादों पर भी सरकार की ओर से छूट दी जा सकती है, जो फिलहाल 18 पर्सेंट के दायरे में हैं।

छूट की वजह सिर्फ राजनीतिक ही नहीं
जीएसटी रेट में छूट को लेकर भले ही राजनीतिक अर्थ निकाले जाएं, लेकिन इसकी वजह टैक्स का अच्छा कलेक्शन भी है। जीएसटी से सरकार महीने में औसतन 1 लाख करोड़ रुपये का रेवेन्यू जुटा रही है। इसके अलावा टैक्स बेस भी 65 लाख से बढ़कर करीब दोगुना होते हुए 1.2 करोड़ हो गया है।

सरकार की कमाई की बड़ी वजह यह भी है कि कम टैक्स रेट होने के चलते रेवेन्यू में इजाफा हुआ है। जीएसटी से पहले के दौर के मुकाबले इन दिनों हाउसहोल्ड आइटम्स पर औसतन 4 पर्सेंट या उससे अधिक की छूट टैक्स में मिल रही है।

source by :  NBT

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