जीएसटी: लोगों पर बढ़ेगा सर्विस टैक्स का बोझ, कपड़े-वाहन सस्ते, मोबाइल होगा महंगा

नई दिल्ली: नये संशोधनों के साथ वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक रविवार को संसद से पूरी तरह पारित कराने के लिए एक बार फिर लोकसभा में पेश किया जायेगा। सरकार को उम्मीद है कि इस बिल के पूरे देश में लागू हो जाने से इसका लाभ आम आदमी तक पहुंचेगा। इस बिल का कानून बनने के बाद देश में लग्जरी कारें, एफएमसीजी उत्पाद, टिकाऊ उपभोक्ता उत्पाद, इलेक्ट्रॉनिक्स तथा सिलेसिलाये कपड़े सस्ते होंगे, लेकिन मोबाइल फोन, बैंकिंग तथा बीमा सेवाएं, टेलीफोन बिल और हवाई यात्राएं उच्च कर के कारण महंगी हो जायेंगी।
जीएसटी के एक अप्रैल, 2017 से लागू होने की संभावना है। इससे विनिर्मित वस्तुओं पर शुल्क कम होगा। वहीं, उपभोक्ताओं पर सेवा कर का बोझ बढ़ेगा, क्योंकि यह उपभोग आधारित कर है। सरकार का कहना है कि यह बताना अभी संभव नहीं है कि क्या महंगा होगा और क्या सस्ता? राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि कुल मिला कर जीएसटी से आम आदमी पर करों का बोझ कम होगा. कर की दरों का ढांचा तय होना अभी बाकी है।

आज लोकसभा में पेश होगा जीएसटी संशोधन विधेयक
करों का दोहरीकरण होगा खत्म कर विशेषज्ञों ने कहा कि जीएसटी लागू होने से मौजूदा प्रणाली की वह कमी खत्म हो जायेगी. इसमें कर पर कर लगने से करों का प्रभाव बढ़ने की समस्या खत्म हो जायेगी। इससे विभिन्न किस्म के उत्पादों की कीमत कम करने में मदद मिलेगी। इनमें एफएमसीजी से लेकर टिकाऊ उपभोक्ता और इलेक्ट्रॉनिक से लेकर रेडीमेड कपड़े तक शामिल होंगे।
वहीं, कुछ ऐसी वस्तुएं होंगी, जिन पर फिलहाल कम शुल्क लगता है। इसमें छोटी कारों पर सिर्फ आठ फीसदी उत्पाद शुल्क लगता है। इन पर जीएसटी का असर लगभग विपरीत हो सकता है। एसयूवी और बड़ी कारों की कीमत में गिरावट हो सकती है।
मालवहन क्षेत्र को 200 अरब डॉलर का होगा फायदा
जीएसटी लागू होने से मालवहन क्षेत्र को सालाना 200 अरब डॉलर का फायदा होगा। देश के जीडीपी में इस क्षेत्र की 14 फीसदी भागीदारी है। इसके लागू होने से तेजी से आवागमन होगा और मालवहन में लगने वाले इंतजारी समय में कमी आयेगी। मालवहन कंपनी रिविगो के संस्थापक दीपक गर्ग ने कहा कि दो से तीन हजार अरब डॉलर की एक अर्थव्यवस्था के लिए जीएसटी लागू होने से जब माल भंडारण की लागत कम होगी। इससे इस काम में लगने वाले अति रिक्त 200 अरब डॉलर की बचत होगी।
लक्जरी कर व चुंगी प्रथा होंगे खत्म
राजस्व सचिव हसमुख अधिया का कहना है कि जीएसटी लागू होने पर अगर कर की दर और वस्तु एवं सेवाओं की छूट के बारे में फैसला करने में देरी होती है, तो समयसीमा का पालन मुश्किल हो सकता है। अधिया ने कहा कि जीएसटी परिषद केंद्रीय तथा राज्य करों के बारे में फैसला करेगी जो राष्ट्रीय बिक्री कर में शामिल होंगे. उपकरों पर भी विचार करेगी. उन्होंने कहा कि परिषद लगाये जाने वाले अधिभार के बारे में सिफारिशें देगी।
सौजन्य से: प्रभात खबर

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