जीएसटी लागू होने से इम्पोर्टरो-एक्सपोर्टरों को कार्गो क्लीयरेंस से लेकर शिपमेंट तक में हो रही है भारी परेशानी

Image result for जीएसटीनई दिल्ली। वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के शुरूआती दिनों में निर्यातकों और आयातकों को कार्गो क्लियरेंस से लेकर शिपमेंट तक में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। खासकर निर्यातकों को सामान विदेश भेजने से पहले एक फार्म भरने की जरूरत होती है, जिसे आॅनलाइन भरने में दिक्कत आ रही है। इसके चलते बहुत से निर्यातकों का माल निर्यात होने में विलंब हो रहा है। कई दिनों तक बंदरगाह के शिपमेंट के लिए इंतजार करना पड़ रहा है।1सूत्रों ने कहा कि वित्त मंत्रलय को भी ऐसी सूचनाएं मिली हैं कि निर्यातकों को अपना माल विदेश भेजने में दिक्कत आ रही है। इसकी वजह यह है कि जो निर्यातक एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर (आइजीएसटी) चुकाए बगैर माल निर्यात करना चाहते हैं उन्हें फार्म जीएसटी आरएफडी-11 भरकर इस आशय की घोषणा करनी होती है। नियमानुसार यह फार्म उन्हें जीएसटी के कॉमन पोर्टल पर भरना चाहिए लेकिन वहां इसे भरने में दिक्कतें आ रही हैं। जीएसटी के सूचना प्रौद्योगिकी तंत्र से आयातकों-निर्यातकों को दिक्कत आ रही है। कस्टम विभाग के सूत्रों ने परेशानी की इस बात को स्वीकार भी किया। हालांकि उनका मानना है कि इस दिक्कत को अब इन्हें काफी हद तक दूर किया जा चुका है। इस बीच वित्त मंत्रालय ने एक सकरुलर जारी किया है जिसमें उन्होंने साफ कहा है कि फार्म जीएसटी आरएफडी-11 को भरकर मैनुअली भी जमा किया जा सकता है। पहले यह फार्म कमिश्नर के आॅफिस में जमा करना था लेकिन अब नियमों में ढील देते हुए इसे सहायक कमिश्नर या डिप्टी कमिश्नर के यहां भी दाखिल करने की छूट दे दी गई है। बहरहाल कन्फेडरेशन आॅफ आॅल इंडिया ट्रेडर्स के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल कहते हैं कि कुछ व्यापारियों को जानकारी के अभाव के चलते जीएसटी को लेकर परेशानी आ रही है। खंडेलवाल ने कहा कि सॉफ्टवेयर पूरी तरह अपग्रेड नहीं है। प्रौद्योगिकी के मोर्चे पर व्यापारियों की बहुत बड़ी तैयारी नहीं थी। खासकर जिन व्यापारियों के पास कंप्यूटर नहीं था।
पिछले दिनों में व्यापारियों ने इस दिशा में कदम बढ़ाना शुरू किया है। यह बात भी सच है कि कुछ व्यापारी जानकारी के अभाव के कारण प्रक्रियागत गलतियां हो रही हैं। आने वाले दिनों में इस तरह की गलतियां दूर हो जाएंगी।

सौजन्य से : दैनिक जागरण

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