जीएसटी रिफंड की नई व्यवस्था आज (26 सितंबर) से लागू हो गई है

Image result for gst refundनई दिल्ली. जीएसटी रिफंड (GST Refund) की नई व्यवस्था आज (26 सितंबर) से लागू हो गई है. इस फैसले से एक्सपोर्टर्स (Exporters) और कारोबारियों (Businessman) को बड़ी राहत मिलेगी. हालांकि आज से पहले के रिफंड एप्लीकेशन को मैन्युअल तरीके से प्रोसेस किया जाएगा. GSTN ने इस सिस्टम को खुद डेवलप किया है. वहीं इसे इंटीग्रेट करने में इन्फोसिस (Infosys) ने मदद की हैं. आपको बता दें कि वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एमएसएमई (Micro, Small and Medium Enterprise) को जीएसटी रिफंड के लिए समय सीमा निर्धारित करने की बात भी कही है. उन्‍होंने कहा कि भविष्‍य में, एमएसएमई के सभी जीएसटी रिफंड का भुग‍तान आवेदन करने की तारीख से 60 दिन में करना सुनिश्चित किया जाएगा.

अब क्या होगा- जीएसटी रिफंड करदाताओं द्वारा बड़े पैमाने पर निर्यात के लिए मांगा गया है. अन्य कैटेगिरी में ये ज्यादा टैक्स क्रेडिट आने पर इस्तेमाल होगा. जीएसटीआर -01 और जीएसटीआर -3 बी दाखिल करने के बाद, जीएसटी सिस्टम रिफंड प्रोसेस होता है.

एक्सपोर्ट चालान डेटा को शिपिंग बिल, पोर्ट कोड इत्यादि जैसे विवरणों के साथ शेयर करता है. जिसे कस्टम सिस्टम के साथ ICEGATE कहा जाता है, जो उसके सिस्टम में शिपिंग बिल के साथ विवरण से मेल खाता है.

उसी पर दावा वापसी की स्थिति बनती है. इसके आधार पर, राशि सरकार के PFMS प्रणाली के माध्यम से करदाताओं के बैंक खाते में ट्रांसफर हो जाती है. अब तक इस टेक्नोलॉजी से 95,000 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि वापस की जा चुकी है.

जीएसटी पोर्टल में हुआ बड़ा सुधार- वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) नेटवर्क ने प्रणाली को और कारगर बनाने तथा करीब 35 लाख करदाताओं को बिना रुकावट के कर भुगतान सुविधा मुहैया कराने के लिए पिछले एक महीने में पोर्टल में कई फीचरों में सुधार किया है. जीएसटीएन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) प्रकाश कुमार ने यह जानकारी दी.

उन्होंने कहा कि अगस्त महीने का कर दाखिल करने के अंतिम दिन यानी 20 सितंबर को जीएसटनएन पोर्टल ने प्रति घंटे 1.3 लाख जीएसटी रिटर्न दाखिल करने का और भुगतान का भारी भरकम दबाव झेला. कुमार ने कहा कि करीब 35 लाख लोगों ने शनिवार तक रिटर्न दाखिल किया था.

> हमने अपने पोर्टल में कुछ सुधार किया है और यह अगस्त के रिटर्न दाखिल करते समय इतना दबाव होने के बावजूद दिक्कत नहीं आने से स्पष्ट हुआ है. उन्होंने कहा, ‘अगस्त महीने के रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि के बाद भी काफी लोगों ने रिटर्न भरा है.

>  20 सितंबर तक 30 लाख से अधिक लोगों ने रिटर्न दाखिल किया था जो 23 सितंबर तक बढ़कर करीब 35 लाख हो गया. जीएसटी परिषद के देरी से रिटर्न भरने पर शुल्क हटा देने से काफी सारे लोग अंतिम तिथि के बाद भी रिटर्न दाखिल करते हैं. यह तब होता है जब राज्यों में मूल्यवर्धित कर का भुगतान किया जा रहा होता है.

source by : hindinews18

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