जीएसटी बिल घोटाला बिल बेचने वाली 6 कंपनियों पर छापा

Image result for छापानई दिल्ली। जीएसटी बिल घोटाला इतना बड़ा होता जा रहा है कि अधिकारियों के पैरों तले से जमीन खिसक गई है। पंजाब के जीएसटी विभाग ने मंडी गोबिंदगढ़ में एक ही व्यक्ति की 6 फर्मों पर छापा मारकर 200 से ज्यादा बिलों की फाइलें कब्जे में ली हैं। गोरखधंधे का पदार्फाश किया जिसके बाद अफसरशाही हरकत में आई थी।
जानकारी के मुताबिक मंडी में एडिशनल कमिश्नर सौरभ राज के नेतृत्व में एईटीसी राजेश भंडारी ईटीओ इंवैस्टीगेशन सिमरन बराड़ और दो महिला ईटीओ ने बीडी काम्पलैक्स के नजदीक सैमी धीमान नामक शख्स के घर पर दबिश दी। छानबीन के दौरान वहां से सैमी धीमान की पेरैंट कंपनी धीमान पीके एसोसिएट श्री बाला जी इंटरनैशनलए श्री बाला जी इम्पैक्स जीबी स्टील इंटरनैशनल वर्धमान इंटरनैशनल और अमीटो इम्पैक्स की 200 से ज्यादा बिलों की फाइलेंमिलीं। वर्धमान इंटरनैशनल सैमी धीमान के भाई साहिल धीमान के नाम पर रजिस्टर्ड है बाकी की सारी कंपनियां सैमी धीमान के नाम पर चल रही हैं।
अधिकारियों ने बीते दिनों एक गुप्त सूचना के आधार पर बैंक आॅफ महाराष्ट्र से कुछ कंपनियों की स्टेटमैंट निकलवाई थी जिसमें सामने आया कि धीमान पीके एसोसिएट और वर्धमान इंटरनैशनल के अकाऊंट में 1 जुलाई 2017 से दिसम्बर-2017 तक 30 करोड़ रुपए से ज्यादा की आरटीजीएस लुधियाना की कंपनियों की ओर से आई है। इनमें अधिकतर कंपनियां फर्नेस के कारोबार से जुड़ी हुई हैं। करोड़ों का घोटाला सामने आ सकता है।
इसके अतिरिक्त विभाग ने आईसीआईसीआई बैंक से अन्य 4 कंपनियों की स्टेटमैंट निकलवाई उनमें भी 30 करोड़ से ज्यादा की ही ट्रांजैक्शन होने की संभावना दिखाई दे रही है। ईटीओ सिमरन बराड़ ने बताया कि दिसम्बर के बाद से आज तक उक्त आरोपियों ने श्री बाला जी इंटरनैशनल और श्री बाला जी इम्पैक्स से बिलिंग करनी शुरू की हुई है।
कागजों से यह भी पता चला है कि उक्त कंपनियों ने वैट के बिलों में भी उन कंपनियों से परचेज दिखा रखी है जो बंद हो चुकी हैं। लुधियाना की एचबी स्टील से करीब 2.55 करोड़ और जय मां स्टील से 1.23 करोड़ की परचेज के बिल मिले हैं। उन्होंने जब बिल खरीदे उससे पहले ही इन कंपनियों के वैट नंबर रद्द हो चुके हैं। ईटीओ बराड़ के मुताबिक इन कंपनियों के दोनों मालिकों को पटियाला आफिस में आकर सारी ट्रांजैक्शन के बारे में विस्तार से जानकारी देने के लिए बुलाया गया है। जीएसटी बिल घोटाला है या नहीं और या कितने का हैए इसका सही पता पूरी छानबीन के बाद ही चल पाएगा।

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