जीएसटी और आयकर विभाग की सक्रियता से चालू वित्तीय वर्ष में करदाताओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है

जीएसटी का असर, छह महीने में बढ़ गए साढ़े चार लाख करदाताहल्द्वानी : जीएसटी और आयकर विभाग की सक्रियता से चालू वित्तीय वर्ष में करदाताओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में आयकर विभाग ने 20 फीसद करदाता बढ़ाने का लक्ष्य तय किया है और छह माह में करीब 67 फीसद काम पूरा हो गया है।

आयकर रिटर्न में जीएसटी के रिटर्न का उल्लेख करने की बाध्यता से इस बार करदाताओं की संख्या तेजी से बढ़ी है। बहुत से ऐसे कारोबारी हैं जो अभी तक रिटर्न दाखिल करने से किसी न किसी तरह बच जाते थे। वे भी अब रिटर्न दाखिल करने लगे हैं। इसमें केंद्रीय एवं राज्य कर विभाग की कार्यशाला का भी असर दिख रहा है। नोटबंदी और जीएसटी लागू होने के बाद वैसे भी करदाताओं की संख्या बढ़ने की उम्मीद थी। क्योंकि ज्यादातर लोगों की आर्थिक स्थिति खुलकर सामने आ गई थी। आयकर रिटर्न फाइनल करने का समय गुजर चुका है, लेकिन टैक्स ऑडिट वाले आयकर रिटर्न अभी दाखिल होने बाकी हैं। अधिकारियों के मुताबिक जिस रफ्तार से नए करदाताओं की संख्या बढ़ रही है, अभी नए करदाताओं की संख्या में और वृद्धि हो सकती है। इस तरह बढ़े करदाता

33.04 लाख : करदाता उत्तराखंड, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 31 मार्च 2014 को

6.60 लाख : करदाता वर्ष में बढ़ाने का लक्ष्य

4.44 लाख : करदाता 30 सितंबर तक बढ़ गए बोर्ड पर जीएसटी नंबर नहीं तो लगेगा जुर्माना

जीएसटी में रजिस्टर्ड कारोबारियों को अपनी दुकान, प्रतिष्ठान के बाहर अनिवार्य रूप से पंजीयन नंबर लिखना होगा। ऐसा नहीं करने पर 25 हजार रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है। राज्य कर विभाग ने कारोबारियों को नोटिस भेजकर दुकान, फैक्ट्री, दफ्तर के बाहर साफ अक्षरों में जीएसटी पंजीयन नंबर लिखने को कहा है। वहीं, समाधान विकल्प अपनाने वाले को पंजीयन के साथ समाधान का बोर्ड भी लगाना होगा। हल्द्वानी संभाग में 25 हजार से ज्यादा कारोबारी हैं। इनमें से अधिकतर ने पंजीयन नंबर का बोर्ड नहीं लगाया है।

Dainik jagran

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