आईसीडी तुगलकाबाद तथा दिल्ली एयर कार्गो इम्पोर्ट के इम्पोर्टर कम स्मगलर कहां गए? डीआरआई सतर्क रहे खेल कहां हो रहा है इसको ढूंढ़े।
ड्रॉ बैक 1 तारीख से कम होने की खबर से ड्रॉ बैक घोटाले बाजो ने महीने की आखिरी तारीख में कटा फटा तथा ओवर वेल्यू करके करोडों अरबों का माल एक्सपोर्ट किया ।
100 प्रतिशत एगजामीन के आॅर्डर का अफसरों ने जम कर फायदा उठाया। लाईनों में लगे माल को बिना जांच के 100 प्रतिशत एगजामीन दिखा दिया। कस्टम के अफसरों ने 5 से 10 लाख रुपए पर कंटेनर ले कर दिया माल का क्लीरेन्स। करोड़ों की रिश्वत इकट्ठी हुई।
डीआरआई जब केस पकड़ती है तो लगता है कि जैसे चोरी करोड़ों में पकड़ेगी। मगर कुछ समय बाद केसों की जान निकल जाती है। ऐसा क्यों फर्नीचर केस, चावल केस फर्जी एक्सपोर्टर कंपनीयां केस, अभी-अभी एफपीओ केस, चावल केस 1000 करोड़ बताया जा रहा था। 10 करोड़ भी नहीं इकट्ठे हुए। फर्नीचर घोटाला 70 करोड़ के लगभग वसूली बताई जा रही थी 20 करोड़ भी नहीं पहुंची। फर्जी एक्सपोर्टर कम्पनियों में हजारों करोड़ों बताया जा रहा था वसूली क्या हुई। एफपीओ केस की जांच जारी है कई अफसरों की मिली भगत मगर एक इंस्पेक्टर ही गिरफ्तार किया गया। यह तो सिर्फ दिल्ली-दिल्ली की बात हो रही है। डीआरआई तथा डीजेडयू तथा डीआरआई हेड क्वार्टर में कुछ भ्रष्ट अफसर कैसे पंहुच जाते है यह सोचने का विषय है।
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