जब्त माल को छुड़ाने के एवज में कस्टम कमिश्नर सहित दो एजेंट 2 लाख की रिश्वत लेते गिरफ्तार

जयपुर: व्यापारी से घूस वसूलने के लिए कस्टम अधिकारियों के दो साल से चल रहे खेल का सीबीआई ने तीन घंटे में ही पर्दाफाश कर दिया। सीबीआई ने ३ जुलाई को कस्टम कमिश्नर पीके जैन व सहायक कमिश्नर सुशील कुमार के इशारे पर दो लाख रूपए की रिश्वत लेते एक एजेंट समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है।
दोनों आरोपितों को चार दिन के रिमांड पर लिया गया है। जैन से सीबीआई पूछताछ जारी है जबकि सुशील कुमार फिलहाल फरार है।
तलाश में मिली नकदी143161
जैन के कस्टम कॉलोनी स्थित आवास पर करीब 85 हजार रूपए व प्लॉट के कागजात मिले हैं। उनके दिल्ली स्थित घर पर भी तलाशी ली गई है। सहायक कमिश्नर सुशील कुमार के मानसरोवर स्थित घर पर भी तलाशी ली गई।
यूं चढ़े हत्थे
व्यापारी ने सीबीआई को शिकायत दी। ट्रैप के मुताबिक व्यापारी ने सुशील कुमार से बात की। दो लाख रूपए देना तय हुआ। रूपए देने के लिए सुशील ने जवाहर सर्किल स्थित सिद्धार्थ नगर निवासी कस्टम विभाग के अधिकृत एजेंट सुनील के मोबाइल नंबर दिए। व्यापारी के बात करने पर सुनील ने लालाराम के नंबर दिए। लालाराम ने व्यापारी को रकम देने के लिए जवाहर सर्किल पर बुलाया। सीबीआई ने लालाराम को मौके पर ही धरदबोचा। बाद में सुनील को भी गिरफ्तार कर लिया।
ये था मामला कस्टम अफसरों ने अक्टूबर, 2013 में एक व्यापारी के स्क्रेप के 3 कंटेनर जब्त किए थे। व्यापारी से अफसरों ने मामला निपटाने के लिए 5 लाख की घूस मांगी। तीन लाख देने पर सहमति हुई। परिवादी गुरूवार को जैन से मिला तो उन्होंने सुशील से मिलने की बात कही।

कस्टम विभाग के दो एजेंटों के जरिये जब्त माल को छुड़ाने के एवज में यह रिश्वत जब्त माल को छुड़ाने की एवज में मांगी थी। सूत्रों के अनुसार रूपनारायण शर्मा नाम के व्यक्ति ने सीबीआई में शिकायत दर्ज कराई कि वर्ष 2013 में कस्टम विभाग ने मैटल स्क्रेप से भरे उसके तीन कंटनेर जब्त किए थे। कई बार विभाग में चक्कर काटने के बाद भी उसका सामान नहीं छोड़ा है। जब उसने अधिकारियों से बात की तो सहायक आयुक्त सुशील कुमार पारीक ने जब्त माल को छोड़ने के लिए तीन लाख रुपए की रिश्वत मांगी लेकिन बाद में सौदा दो लाख रुपए में तय हुआ। सुशील ने रिश्वत के रुपए लेने के लिए अधिकृत एजेंट सुनील कुमार को बिचौलिए के रूप में तैयार किया और रुपए उसे देने की बात कही। सुनील ने अपने साथी लालाराम को रुपए लेने के लिए कहा। सीबीआई ने शिकायत के सत्यापन पर लालाराम को रिश्वत के दो लाख रुपए लेते जवाहर सर्किल इलाके के सिद्धार्थ नगर से गिरफ्तार कर लिया। लालाराम की निशानदेही पर बिचौलिए सुनील कुमार को उसके घर से दबोच लिया। सीबीआई कार्रवाई की भनक जब सुशील पारीक को लगी तो वह घर से फरार हो गया और उसने अपने मोबाइल बंद कर लिए। सीबीआई ने पूरे मामले की जानकारी आयुक्त पवन कुमार जैन को बताकर मामले में सहयोग की बात कही। सूत्रों के अनुसार रिश्वत लेने के लिए पीड़ित और अधिकारियों में जो बात हुई है उसमें आयुक्त पवन कुमार जैन, सहायक आयुक्त सुशील कुमार पारीक, सुनील कुमार, लालाराम को नामजद किया है।

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