कोलकाता डीआरआई ने फर्जी एक्सपोर्ट का भंड़ाफोड़ किया

 

पूरे देश में इसी तरह का धंधा पूरे जोरों पर फिर डीआरआई यहां निष्क्रय क्यों?

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नई दिल्ली : डीआरआई की कोलकाता जोनल यूनिट ने एक ऐसे सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है जो सिर्फ नकली कागजातों के आधार पर बांग्लादेश में माल निर्यात के नाम पर सरकार से करोड़ों का लाभ अर्जित करने के कार्य में जुटे थे। इस धोखाधड़ी के सिलसिले में भारत-बांग्लादेश सीमा से सटे उत्तर 24 परगना जिले के बनगांव से कुल 6 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। इनके नाम सुजीत स्वर्णकार, सजल स्वर्णकार, दीपांकर पाल, शुभंकर पाल, अर्जुन अधिकारी व प्रसेनजीत दास है।
इस गिरोह के अलावा पांच कस्टम अधिकारियों की भूमिका भी सवालों के घेरे में है जिन्होंने उनके साथ मिलकर फर्जी निर्यात का लाभ उठाने के कार्य में उनकी मदद की। कस्टम विभाग ने इन पांचों अधिकारियों को फिलहाल निलंबित कर दिया है और उनके खिलाफ भी विभागीय जांच की जा रही है।
डीआरआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस गिरोह ने जाली खरीद रसीद निर्यात चालान पावती रसीद जैसे निर्यात संबंधी समस्त जाली दस्तावेज तैयार कर गलत तरीके से निर्यात संबंधी लाभ लेने के लिए पेट्रापोल लैंड कस्टम स्टेशन में शिपिंग बिल के तौर पर जमा किया था। जांच में पता चला कि वास्तविक माल को भेजे बिना सिर्फ कागज पर निर्यात के लिए इन शिपिंग बिलों को प्रस्तुत किया गया।
इस गिरोह ने शिपिंग दस्तावेजों पर फर्जी वाहन नंबर का भी इस्तेमाल किया। साथ ही निर्यात संबंधित कागजातों पर बांग्लादेश सीमा शुल्क का फर्जी मुहर व हस्ताक्षर दिखाया था कि मालों की खेप सीमा पार पहुंच गई है। गिरोह ने इस धोखाधड़ी में 10 निर्यात कंपनियों के निर्यात-आयात कोड का उपयोग करते हुए करीब 24 करोड़ रुपये का कुल 51 फर्जी निर्यात बिल तैयार कर इसे निर्यात लाभ व उच्च जीएसडी रिफंड के लिए पेश किया था।
इसमें पान मसाला दोपहिया और तिपहिया वाहनों के मोटर पार्ट्स व अन्य सामान शामिल है जिनका फर्जी निर्यात दिखाया गया। यह धोखाधड़ी यदि डीआरआई की पकड़ में नहीं आती तो उसे कम से कम करीब 12 करोड़ रुपये का निर्यात लाभ मिल जाता। डीआरआई के अनुसार इससे पहले दिसंबर 2018 में गिरोह के तीन मास्टरमाइंडों को गिरफ्तार किया गया था जिन्होंने धोखाधड़ी की योजना बनाई थी। जनवरी 2019 में एक कस्टम ब्रोकर को भी डीआरआई ने गिरफ्तार किया था। इस तरह इस धोखाधड़ी में कुल 10 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।

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