कस्टम अफसर नोटिस जारी करने से पूर्व करदाता से बात करेगा

Image result for custom officer indiaदिल्ली : सीमा शुल्क विभाग के अधिकारी करदाता को अब औपचारिक रूप से कारण बताओ नोटिस जारी करने से पहले कंपनी या व्यक्ति के साथ विचार-विमर्श करेंगे ताकि उन्हें उनके बकाया कर और ब्याज के बारे में बेहतर ढंग से जानकारी दी जा सके। वित्त मंत्रालय की ओर से अधिसूचित नए नियमों में यह व्यवस्था दी गई है। विशेषज्ञों के अनुसार यह अधिसूचना कर संबंधी मुकदमेबाजी को कम करने और कर से जुड़े मामलों के निपटान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जारी की गई हैण् नई अधिसूचना के अनुसार सीमा शुल्क या ब्याज का भुगतान करने वाले करदाता को नोटिस जारी करने से पहले भेजे गये संदेश का जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया जाएगा और उन्हें कर अधिकारी को अपनी प्रतिक्रिया देनी होगी प्री-नोटिस कॉन्सल्टेशन रेगुलेशन 2018 के मुताबिक औपचारिक तौर पर कारण बताओ नोटिस जारी करने से पहले उपयुक्त अधिकारी उस व्यक्ति को जिससे की शुल्क या ब्याज वसूला जाना हैए नोटिस जारी किए जाने की इच्छा से लिखित में अवगत कराएगा। इसमें अधिकारी की जानकारी में रहने वाले उन आधारों को भी स्पष्ट किया जाना होगा जिनके आधार पर ऐसे नोटिस जारी किए जाने का प्रस्ताव है। ये नियमन केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड की ओर से अधिसूचित किये गये हैं। आगे कहा गया है कि यदि व्यक्ति की ओर से नोटिस पूर्व दिए गए संदेश का जवाब निर्धारित समय के भीतर नहीं मिलता है तो अधिकारी बिना किसी सूचना के उक्त व्यक्ति को नोटिस जारी कर सकेगा। परामर्श के बाद यदि कर अधिकारी व्यक्ति की प्रतिक्रिया से संतुष्ट होता है तो वह उसे सूचित कर सकता है कि औपचारिक नोटिस जारी करने की जरूरत नहीं होगी।

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