करोड़ों रूपए की नशीली दवाओं के अवैध कारोबार का मामला :

उदयपुर. करोड़ों रूपए की नशीली दवा के अवैध कारोबार के मुख्य आरोपी द्वारा मैथाकुलोन टेब्लेट्स का अवैध रूप से तस्करी करने और भारी मात्रा में भंडारण करने के मामले में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे मुख्य आरोपी सहित आठ आरोपियों ने मामला अदालत के क्षेत्राधिकार का नहीं होने का प्रार्थना पत्र पेश कर उसे खारिज करने का आग्रह किया. अदालत ने इस स्टेज पर क्षेत्राधिकार इस न्यायालय द्वारा डिसाईड किया जाना न्याय संगत नहीं है, प्रार्थना पत्र को अस्वीकार कर खारिज कर दिया.

प्रकरण के अनुसार प्रतापनगर निवासी सुभाष पुत्र थावरदास दुदानी और उसके भतीजे द्वारा कलड़वास स्थित फैक्ट्री में अवैध रूप से मैथाकुलोन टेब्लेट्स का निर्माण कर भारी मात्रा में भंडारण करने की सूचना पर डीआरआई ने कार्यवाही करते हुए 23320 किलो मैथाकुलोन टेब्लेट्स जब्त कर आरोपियों को गिरफ्तार किया था. इस मामले में आरोपियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम केसवानी ने विशिष्ट न्यायालय एनडीपीएस प्रकरण की अदालत में क्षेत्राधिकार को लेकर प्रार्थना पत्र पेश किया जिसमें बताया कि सुभाष दुदानी की ओर से 29 अक्टूबर 2016 को मुंबई जोनल यूनिट द्वारा स्पेसिफिक इंटेलिजेंस मुंबई, डीआरआई द्वारा अवैध रूप से मैथाकुलोन बनाने के आरोप में गिरफ्तारी दिखाई गई है. डीआरआई मुंबई शुरूआत से इस केस को देख रही है और उसे कभी भी गिरफ्तार नहीं किया गया. तलाशी एवं अभिकरण में कुछ लेना-देना नहीं है. उक्त प्रकरण में कोई भी कृत्य उसकी उपस्थिति में नहीं होना बताया गया. मुंबई जोनल यूनिट का केस देखने व सुनने तथा डिसाइड करने का अधिकार क्षेत्र उदयपुर कोर्ट को नहीं है. ऐसी स्थिति में क्षेत्राधिकार पहले डिसाइड किया जाए.

क्षेत्राधिकार को लेकर पेश प्रार्थना पत्र पर विशिष्ट लोक अभियोजक प्रवीण खंडेलवाल ने जवाब में बताया कि 20 जुलाई 2018 को डीआरआई से प्राप्त सूचना के आधार पर उदयपुर में मैथाकुलोन टेब्लेट्स बरामद की गई. बरामदगी प्रक्रिया के दौरान पता चलने पर उक्त टेब्लेट्स सुभाष दुदानी द्वारा छिपा कर रखी गई थी. मुंबई डीआरआई द्वारा अग्रिम कार्यवाही करते हुए उक्त बरामदगी के संबंध में उसे गिरफ्तार किया था. रिमांड एप्लीकेशन में उदयपुर में बरामदगी का उल्लेख स्पष्ट रूप से किया गया था और उसी के आधार पर 3 नवम्बर 2016 को ट्रांजिट रिमांड दिया गया और सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत करने का आदेश भी दिया था. डीआरआई ने 23320 किलो मैथाकुलोन ड्रग का निर्माण, विपणन व वितरण में सुभाष दुदानी की सक्रिय भूमिका रही है, इसी कारण निदेशालय द्वारा दुदानी को प्रकरण में आरोपी बनाया गया है. डीआरआई द्वारा लकड़वास स्थित परिसर में माल बरामदगी की प्रक्रिया के दौरान आरोपी सुभाष दुदानी मौजूद था.

इसलिए प्रार्थना पत्र खारिज किए जाने योग्य है. आरोपी परमेश्वर व्यास, अतुल म्हात्रे ने भी मामला न्यायालय के क्षेत्राधिकार का नहीं बताया. विशिष्ट लोक अभियोजक ने बताया कि क्षेत्राधिकार न्यायालय का ही है. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद विशिष्ट न्यायालय (एनडीपीएस) प्रकरण की पीठासीन अधिकारी प्रभा शर्मा ने नारकोटिक्स और ड्रग्स की परिभाषा में आने वाली मैथाकुलोन टेब्लेट्स की बरामदगी उदयपुर न्यायालय क्षेत्र से की गई. मैथाकुलोन टेब्लेट्स का निर्माण, विपणन एवं वितरण में सभी अभियुक्तगण की सक्रिय भूमिका बताते हुए अदालत में 26 अप्रेल 2017 को अधिनियम की विभिन्न धाराओं में चालान भी पेश किया गया और इनके खिलाफ प्रसंज्ञान भी लिया जा चुका है, जिसे किसी प्रकार से चुनौती नहीं दी गई. सभी आरोपी लम्बी अवधि से न्यायिक अभिरक्षा में है. इस स्टेज पर क्षेत्राधिकार नहीं होने के संबंध में पेश प्रार्थना पत्र पर निर्णय किया जाना न्यायसंगत नहीं है. प्रार्थना पत्र को सुनवाई के बाद खारिज कर दिया.

सौजन्य से: उदयपुर किरण

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