नई दिल्ली : गिरते निर्यात को संभालने के लिए सरकार अब छह क्षेत्रों पर खास फोकस करेगी। इसके तहत विशेष निर्यात क्षेत्रों (एसईजेड) को पुनर्जीवित करने से लेकर निर्यात कर्ज को प्राथमिक क्षेत्र में शामिल करने के प्रयास शामिल हैं। इनके अलावा सरकार एमएसएमई क्षेत्र से निर्यात बढ़ाने के उपायों पर भी काम करेगी।
नवगठित बोर्ड आफ ट्रेड की पहली बैठक के बाद वाणिज्य व उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि हम उन सभी क्षेत्रों को हाथों-हाथ ले रहे हैं जिन्हें मदद की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वाणिज्य मंत्रालय कोशिश करेगा कि निर्यात कर्ज को बैंकिंग क्षेत्र के प्राथमिकता वाले क्षेत्राों की सूची में शामिल किया जाए। इसके लिए जल्दी ही वित्त मंत्रालय के साथ चर्चा होगी। नवगठित बोर्ड ऑफ ट्रेड में 70 सदस्य हैं। निर्यात की स्थिति दिसंबर 2014 से ही गंभीर बनी हुई है। इस अवधि में निर्यात लगातार कम हो रहा है।
छह प्रमुख क्षेत्रों पर फोकस के बारे में सीतारमण ने कहा कि अगले कुछ ही दिनों में इन क्षेत्रों पर काम शुरू कर दिया जाएगा। सरकार विदेश स्थित दूतावासों और मिशनों को भी निर्यात वृद्धि के प्रयासों में शामिल कर रही है। साथ ही एक्जिम बैंक और एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन के साथ फंसे हुए मुद्दों को सुलझाने की बातचीत भी शुरू की जाएगी। एसईजेड को निर्यात वृद्धि के प्रयासों में शीर्ष पर रखते हुए वाणिज्य मंत्री ने कहा कि सभी एसईजेड के पास विशाल लैंड बैंक है। इसलिए इन्हें फिर से पुनर्जीवित करने के प्रयास करना जरूरी है। इसके लिए जल्दी ही सभी संबंधित विभागों के साथ बैठक बुलाई जाएगी। इसके लिए शुरुआत आर्थिक मामलों के विभाग और केंद्रीय उत्पाद व सीमा शुल्क विभाग (सीबीईसी) से की जा सकती है। बैठक में उपस्थि आईसीआईसीआई बैंक की प्रबंध निदेशक चंदा कोचर ने राय दी कि वाणिज्य मंत्राालय को निर्यात कर्ज प्राथमिकता वाले क्षेत्रा में शामिल कराने के लिए वित्त मंत्राालय से बात करनी चाहिए। उद्योग की तरफ से बैठक में बायकॉन की प्रबंध निदेशक किरण मजूमदार शॉ, डा. रेड्डीज के प्रबंध निदेशक सतीश रेड्डी और टीवीएस मोटर कंपनी के चेयरमैन वेणु श्रीनिवासन ने शिरकत की।