एक्सपोर्टर बजट में राहत ना मिलने से निराश

Image result for निर्यातकमुरादाबाद। बजट से निर्यातक को बहुत सारी उम्मीद लगाए बैठे थे लेकिन उनके लिए बजट के पिटारे से कुछ खास नही निकला। आयकर के स्लैब मे बदलाव की उम्मीद थी लेकिन इसके उलट शिक्षा सेस तीन के बजाय एक फीसद से बढ़कर चार फीसद हो गया। हालांकि सरकार ने मझोले उद्योगो के लिए अलग से 3.994 करोड़ का प्रावधान किया।

उद्यमिता को बढ़ावा दिलाने के लिए सरकार ने मुद्रा योजना के तहत तीन लाख करोड़ का प्रावधान किया है। ऐसे मे युवा नौकरियां करने के बजाए अपना उद्योग शुरू करके दूसरो को नौकरियां दे सकते है। वही ईज आॅफ डूइग बिजनेस के लिए 370 से ज्यादा सुधार करने की बात कही है। हालांकि हैडीक्राफ्ट इंडस्ट्री को लिहाज से देखा जाए तो बहुत कुछ नही मिला।  निर्यातको मे निराशा दिखाई दे रही है। जीएसटी के बाद कारोबार प्रभावित होने के उम्मीद थी कि उनके पक्ष मे कुछ घोषणाएं होगी लेकिन वह पूरी तरह से खाली हाथ रहे।  बजट मे किसानो और गरीब तबके लिए बहुत सारे प्रावधान किए है यह अच्छी बात है। सरकार को बजट के सही क्रियान्वयन के प्रबंधन की व्यवस्था करनी चाहिए। हालांकि निर्यात इंडस्ट्री के लिहाज से देखा जाए तो पूरी तरह से खाली हाथ है। बजट निर्यात इंडस्ट्री के लिहाज से निराशाजनक की कहा जाएगा। हमने बहुत सारी मांग सरकार को भेजी थी लेकि२न उनमे से एक भी पूरी नही हुई। संकट के दौर से गुजर रही हैडीक्राफ्ट इंडस्ट्री को राहत की उम्मीद जो पूरी नही हुई। सतपाल, सचिव हैडक्राफ्ट एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन  जो सोचा था वैसा कुछ नही हुआ। आयकर मे छूट नही मिली। वस्त्र मंत्रालय को फंड दिया है। हैडीक्राफ्ट निर्यात वस्त्र मंत्रालय के अंतर्गत आता है वहां से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। बाकी जून मे आने वाली निर्यात नीति का इंतजार करेगे। सुधीर त्यागी, सदस्य सीओ, कमेटी ईपीसीएच  एक्सपोर्ट इंडस्ट्री के लिहाज से कुछ भी नही है। जीएसटी के लागू के बाद से उम्मीद थी कि सरकार बहुत कुछ देगी लेकिन कुछ हम सब पूरी तरह से खाली हाथ रहे गए। मुरादाबाद की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से ठप पड़ चुकी है। बाजार मे प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है इसके बावजूद सरकार ने अकेला छोड़ दिया है।

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