एक्सपोर्टरो की परेशानी बढ़ी

Image result for विदेशी मुद्राअलीगढ़। विदेशी मुद्रा के अपेक्षा भारतीय मुद्रा (रुपये) मजबूत होने से हम भले ही इतरा रहे हों, मगर निर्यातकों के होश उड़े हुए हैं। ब्रिटेन की मुद्रा पौंड में करीब 20 फीसद तक गिरावट हो चुकी है। इससे अलीगढ़ का हार्डवेयर कारोबार भी प्रभावित है। यहां से 5500 करोड़ रुपये का निर्यात होता है।

अलीगढ़ में हार्डवेयर, मूर्ति, ताला, इलेक्ट्रॉनिक फिटिंग संबंधी उत्पाद का निर्यात ब्रिटेन में होता है। हार्डवेयर उत्पादनों में ब्रास, एल्युमीनियम, जस्ता, आयरन के उत्पाद होते हैं। पीतल की मूर्ति, यूरोपियन फिगर, इलेक्ट्रॉनिक फिटिंग का सामान और तालों का निर्यात भी होता है।
इनकी सप्लाई 200 निर्यातक करते हैं। इन उत्पादों के माल की बुकिंग पौंड में होती है। पहले पौंड के दाम अधिक थे तो उसी हिसाब से बुकिंग होती थी। अब पौंड की कीमत गिर गई, तब भी उतने ही पौंड के हिसाब से माल बेचना होगा।
कच्चे माल (पीतल, आयरन, जस्ता) की कीमतों में पांच से 15 फीसद तक की वृद्धि हुई है। इससे निर्यातकों को घाटा उठाना पड़ रहा है। देसी उत्पादों को ब्रिटेन ने पहले कस्टम ड्यूटी से मुक्त रखा था। चीन से भेजने वाले उत्पादों पर कस्टम ड्यूटी वसूली जाती थी। नए वित्त वर्ष से ब्रिटेन ने साढ़े तीन फीसद की कस्टम ड्यूटी लगा दी है।
केंद्र ने भी दिया जख्म कांग्रेस शासन में निर्यातकों को प्रोत्साहित करने के लिए पांच फीसद फोकस (विदेश से आयात माल पर कस्टम ड्यूटी से छूट) की सुविधा दी जाती थी। मोदी सरकार ने निर्यातकों को दी जाने वाली ये सुविधा साढ़े तीन फीसद कर दी। अमेरिका में डेढ़ दर्जन से अधिक निर्यातक पीतल, जस्ता व आयरन के हार्डवेयर, पीतल की मूर्ति, यूरोपियन फिगर, इलेक्ट्रॉनिक फिटिंग उत्पादन को निर्यात करते हैं। ताले भी निर्यात होते हैं।
रुपये की अपेक्षा डॉलर हुआ है। पिछले 10 माह से छह से सात रुपये प्रति डॉलर कमजोर हुआ है। अमेरिका में किसी भी उत्पाद के निर्यात के लिए इस देश की नागरिकता (ग्रीन कार्ड होल्डर) की गारंटी अनिवार्य है। बिना इसके अमेरिका में माल की न तो बुकिंग होगी और न ही आॅर्डर भेजे जा सकते हैं। इसलिए जॉर्डन की बांइग एजेंसीज के जरिये माल का निर्यात किया जाता है। इनकी मध्यस्थता महंगी पड़ती है।
इनका कहना है पौंड के लगातार गिरने से दोहरी मार पड़ रही है। देसी बाजार में कच्चे माल की कीमतों में उछाल आ रहा है। जून में 102 रुपये भारतीय मुद्रा में माल बुक किया था। माल भेजने की तिथि तक 20 फीसद तक पौंड में गिरावट दर्ज की गई है।
गौरव मित्तल, निर्यातक डॉलर के रेट गिरने से अमेरिका में कारोबार करना घाटे का सौदा साबित हो रहा है। पिछले जुलाई में भारतीय मुद्रा 67.43 रुपये में माल की बुकिंग की थी। आर्डर भेजने के समय तक डॉलर टूटकर 64.20 पैसा रह गया।

सौजन्य से : अमर उजाला

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