इम्पोर्ट एक्सपोर्ट में माफिया के बढ़ते कदम

हंस चुगेगा दाना तिनका, कौआ मोती खायेगा।
इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट करना बड़ा काम माना जाता है। शरीफ तथा बड़े आदमियों का काम है इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट करना। मगर कुछ समय बाद यह काम यह शरीफ आदमियों का नहीं रह जायेगा। कारण इस काम में अब कुछ क्रिमिनल टाईप लोग एंटर कर चुके है जो न गलत काम करने से डरते है न जेल जाने से। अब कुछ लोगों ने चाईना में अपने आफिस खोल लिए है जो मर्जी माल मंगाओ भारत में कहीं भी पहुंच दे दी जायेगी। किलो के हिसाब से ठेका ले लिया जाता है कम्पनी भी उनकी सीएचए भी उनका आपको घर बैठे माल पहुंच मिल जायेगा। दूसरी बात बैन आईटम भी ऐसे ही घर पहुंच मिल जायेगी। आज से पहले कुछ लोग ही इस काम को करते थे मगर अब एक बहुत बड़ा माफिया इस काम को अंजाम दे रहा है। यह लोग वह है जिनकी पृष्ठभूमि संदिग्ध है। सरकार ध्यान दे कि जितने भी हाई वैल्यू आईटम, सिगरेट, पटाखे मंगाने वाले कौन लोग है है। कुछ आईटमों पर तो इन माफिया ने कब्जा जमा लिया है। शरीफ आदमी इन आईटमों को कभी भी ईमानदारी से नहीं मंगा सकेगा। अगर कोई ईमानदारी से इनमें से कई आइटमों को मंगाये तो वह उसे बाजार भाव से महंगी पड़ेंगी। अगर उनको गलत ढंग से मंगवाया जाये तो सस्ती पड़ती है। इस कारण उसको नुकसान उठाना पड़ता है। क्योंकि दो नम्बर में वह माल बाजार से सस्ता ही मिलेगा। अभी मोबाईल का काम भी माफिया टाईप लोगों के हाथ में आ चुका है। माफिया टाईप इम्पोर्टर मोबाईल को बाहर से पूरा बनाकर लाते है। मगर यहां पर पार्टर्स में दिखाया जाता है। सीधा 12 प्रतिशत बचत का काम है सब फर्जी तरीके से और सेटींग से यह काम हो रहा है। इसी तरह से एलसीडी टीवी पर भी इन माफिया का राज हो चला है। मॉनिटर कह कर एलसीडी निकाल रहे है। इस तरह की कितनी ही आईटमें है जो साम-दाम-दण्ड- भेद से मंगाई जा रही है। एक आम इम्पोर्टर कानून के हिसाब से मंगायेगा तो उसको मंहगी पड़ेगी और दूसरा इम्पोर्टर सेटींग या मिस-डिक्लरेशन से मंगायेगा तो आईटम सस्ती मिलेगी। आप बताओ कैसे करेगा एक आम इम्पोर्टर कैसे करेगा इम्पोर्ट। इसी तरह से एक्सपोर्ट में भी पर आईटम पैसे दो इन माफिया को यह आपका माल वहां पहुंचा देंगे और ड्रा-बैक भी ले देंगे। ओवर वेल्यूएशन का धन्धा बाए एयर और बाए सी में दोनों जगह जारी है।
रेवेन्यू न्यूज़ ने बहुत पहले लिख दिया था कि दिल्ली में भी मुम्बई की तर्ज पर माफिया तथा भ्रष्ट अफसर राज करेंगे या कर रहें है। जितना गलत काम हो रहा है। उसका 1 प्रतिशत भी माल पकड़ा नहीं जा रहा।

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