इंपोर्ट ड्यूटी अधिक रहने से बढ़ रहा सोना तस्‍करी का धंधा, पटना बना तस्‍करों का पसंदीदा रूट

पटना में आए दिन तस्करी का सोना पकड़ा जा रहा है। आम बजट में तस्करी रोकने के लिए ही सोना पर लगने वाले आयात शुल्क में पांच फीसद की कमी की गई थी। हालांकि, स्थानीय सराफा संघों का मानना है कि इससे बात नही बनी। क्योंकि सोना पर ढाई फीसद का एग्री सेस लगा दिया गया, इससे समस्या जस की तस रह गई।

आम बजट में सोना के आयात शुल्क में पांच फीसद की कमी की गई थी। आम बजट से पूर्व सोना पर 12.5 फीसद का आयात शुल्क लगता था, जिसे घटाकर 7.5 फीसद कर दिया गया। थोड़ी राहत तो जरूरत मिली, लेकिन बजट में सोना पर 2.5 फीसद का एग्रीकल्चर डेवलपमेंट सेस लगा दिया गया। इस तरह देखें तो पांच फीसद की जगह मात्र ढाई फीसद ही राहत मिली।

बाजार के जानकारों का कहना है कि एक किलो सोना तस्करी से सीधे पांच लाख रुपये की मोटी कमाई हो जाती है। पाटलिपुत्र सराफा संघ के अध्यक्ष विनोद कुमार ने कहा, अगर सोना पर आयात शुल्क पांच फीसद कर दिया जाए और साथ ही एग्रीकल्चर डेवलपमेंट सेस हटा लिया जाए तो तस्करी पर अंकुश लग सकता है। आयात शुल्क में कमी करने और एग्री सेस हटाने से तस्करी में आकर्षण नहीं रह जाएगा, क्योंकि फिलहाल की तुलना में कमाई आधी हो जाएगी। तस्कर कम लाभ के लिए जोखिम उठाना पसंद नहीं करेंगे। इसी वजह से पाटलिपुत्र सराफा संघ सहित देशभर के सराफा संघों ने आम बजट में इम्पोर्ट ड्यूटी में कमी करने का आग्रह किया था। बात तो सुनी गई, लेकिन बात बनी नहीं।

ऑल इंडिया ज्वेलर्स एंड गोल्ड स्मिथ फेडरेशन के बिहार अध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा ने कहा कि सोना पर अगर आयात शुल्क पांच फीसद कर दिया जाता है तो कारोबार का दायरा भी बढ़ेगा। इस समय ऊंची दरों के कारण बाजार सिमटा हुआ है। पांच फीसद दर कम होने से सोना का भाव 47 से 48 हजार रुपये प्रति दस ग्राम पर आ जाएगा, जिससे खरीदारी की गति बढ़ सकेगी।

सौजन्य से: दैनिक जागरण

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