जालंधर : मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के पार्षदों ने स्थानीय अदालत में स्वीपिंग मशीन प्रोजैक्ट विरुद्ध केस दायर करके जहां सत्तापक्ष के लिए मुश्किलें पैदा कर दी हैं वहीं सत्तापक्ष से ही संबंधित पार्षदों कमलजीत सिंह भाटिया, अरविंदर कौर ओबराय, मिन्टा कोछड़, रवि महेन्द्रू तथा गोपाल गुप्ता इत्यादि ने स्वीपिंग मशीन प्रोजैक्ट को भारी घोटाला बताते हुए जिस तरीके से इसका विरोध किया है, उससे भी इस प्रोजैक्ट को काफी ठेस पहुंची है, परंतु अब यह प्रोजैक्ट और लटकने की सम्भावना बन गई है क्योंकि इटली से आ रही स्वीपिंग मशीनों को मुम्बई बंदरगाह पर रोक लिया गया है।
इस मामले से जुड़े उच्चाधिकारियों ने बताया कि जालंधर हेतु आ रही स्वीपिंग मशीनों को इसलिए कस्टम क्लीयरैंस नहीं मिल सकी क्योंकि ये मशीनें एस.यू.वी. वाहन कैटेगरी के तहत लाई जा रही थीं। कस्टम अधिकारियों का मानना था कि ये मशीनें एस.यू.वी. कैटेगरी में नहीं आतीं। पता चला है कि मशीनों को इम्पोर्ट करने वाले लॉयन सर्विसेज कम्पनी के अधिकारी मुम्बई स्थित कस्टम विभाग के पास कागजात लेकर जा रहे हैं ताकि दोनों मशीनों को कस्टम से क्लीयर करवाया जा सके।
स्वीपिंग मशीनों का उद्घाटन खटाई मेंरू एक ओर जहां जालंधर में शुरू होने जा रहा स्वीपिंग मशीन प्रोजैक्ट मझदार में फंसता नजर आ रहा है वहीं, इन मशीनों का उद्घाटन खटाई में पड़ गया है। गौरतलब है कि 28 सितम्बर को मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल जालंधर में चंदन नगर अंडरब्रिज का उद्घाटन करने आ रहे हैं। मेयर ने घोषणा की थी कि स्वीपिंग मशीनों का उद्घाटन भी मुख्यमंत्री से उसी दिन करवा लिया जाएगा परंतु स्वीपिंग मशीनों को कस्टम क्लीयरैंस न मिलने के कारण अब उद्घाटन लटकने की सम्भावना बन गई है क्योंकि क्लीयरैंस मिलने के बाद मशीनों को मुम्बई से जालंधर आने में ही एक सप्ताह से ज्यादा का वक्त लग जाएगा।
सौजन्य से : पंजाब केसरी