आगरा : हेरोइन की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तस्करी किए जाने के मामले में मणिपुर के जिला चूरा चंद्रपुर के गांव नागपाई निवासी मार्टिन खुपलुन थंग उर्फ जानीमेट को 12 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है। उसे एक लाख रुपये अर्थदंड भी जमा कराना होगा। मामला पांच जून 2012 का है। सेंट्रल एक्साइज इंस्पेक्टर पंकज कुमार सिंह ने उसके खिलाफ हरीपर्वत थाना पर रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उसके पास से मैसर्स डीएचएल एक्सप्रेस इंडिया लिमिटेड रमन टावर संजय प्लेस नाम के दो पार्सल बरामद किए गए थे। इन्हें नई दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट से बुक किया गया था। इसकी जांच में जानीमेट का नाम सामने आया था। वह लहंगा चोली के बीच में हेरोइन छिपाकर लाता था। उससे बरामद दो जोड़ा लहंगा चोली में छिपाई गई 481 ग्राम हेरोइन मिली थी। इससे लैपटॉप भी मिला था। उसने पूछताछ में बताया था कि वह कई देशों में हेरोइन तस्करी करता है। यह केस अपर जिला जज चवन प्रकाश की अदालत में चल रहा था। विशेष अभियोजक विवेक शर्मा ने बताया कि उस पर तस्करी का दोष सिद्ध हुआ।
नामजद आरोपी बरी, पुजारी पर चलेगा केस
आगरा। अछनेरा के गांव बसई के मंदिर में 30 सितंबर 2009 को चंदन सिंह की पीटकर की गई हत्या के मामले में गवाह के बयान से पूरी कहानी बदल गई। नामजद कराए गए चार आरोपी भाई साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिए गए। जबकि मंदिर के पुजारी हरीबाबा को आरोपी मान लिया गया। उसके खिलाफ अब गैर इरादतन हत्या का केस चलेगा।
अछनेरा थाना पर घटना की रिपोर्ट चंदन सिंह के बेटे अशोक कुमार ने दर्ज कराई थी। इसमें गांव के ही चार भाइयों पप्पू, राजकुमार, श्याम सिंह और रमेश को नामजद कराया गया था। अशोक कुमार का कहना था कि उसके पिता के अंगूठे पर नीली स्याही का निशान लगा था। आशंका जाहिर की गई थी कि उनसे किसी कागज पर अंगूठा लगवाया गया। लेकिन कोर्ट में आरोपियों के खिलाफ साक्ष्य नहीं मिले। चश्मदीद गवाह रामेश्वर ने बयान दिया कि चंदन सिंह मंदिर में आरती के लिए गए थे। वह जब पहुंचा तो उसके सामने हरीबाबा चिमटे से उस पर वार कर रहा था। यह केस अपर जिला जज पंकज कुमार सिंह की कोर्ट में चल रहा है। अभियोजन पक्ष की पैरवी रमाशंकर सिंह राजपूत ने की।
सौजन्य से: अमर उजाला