स्मगलरों का साथ देने वाले अफसरों की भी लगाम कसी जाये

आज देश में चारों तरफ स्मगलिंग का धंधा जोरों पर है। सोना, सिगरेट, फूड सप्लीमेंट, गारमेंट, ज्वैलरी, गैस और न जाने कितनी बैन आईटम मिस-डिक्लरेशन करके निकाली जा रही है। इस सब काम के पीछे कौन जिम्मेदार? अगर इसका कारण देखा जाये तो सीएचए तथा अफसरों की जब तक शह नहीं होती गलत काम कभी हो नहीं सकता। सीएचए अफसरों की शह पर स्मगलरों को कहते है कि मैदान साफ है मंगा लो जो चाहे ऐसा पकड़े जाने पर कई इम्पोर्टरों ने अपनी स्टेटमेंट में भी कहा है कि हमें सीएचए ने कहा था कि इतने पैसे पर कंटेनर लूंगा, जो चाहो ले आओ। इसी तरह भ्रष्ट अफसर भी अपने मिलने वालों को खुली शह देते है कि जो चाहो ले आओ इतने पैसे देने पड़ेगे। आज इन भ्रष्ट अफसरों के कारण देश में अवैध रुप से अरबों रुपये की स्मगलिंग हो रही है। इन भ्रष्ट अफसरों को सरकार अच्छी तरह जानती है सरकार के पास इतना बड़ा खुफिया तंत्र है। सब रिपोर्ट सरकार के पास है क्यों नहीं करती सरकार इन भ्रष्ट अफसरों पर कार्रवाई। एक-एक भ्रष्ट अफसर 100-100 करोड़ से ऊपर की पार्टी है। किसी की शिकायत पर साल दो साल में सीबीआई एक दो बार कार्रवाई कर लेती है इससे कुछ नहीं होने वाला जब तक सरकार बड़े मगरमच्छों को अच्छी तरह से काबू नहीं करेगी तब तक और भ्रष्ट अफसर काम बंद नहीं करेंगे। डीआरआई या अन्य एजेंसी जब किसी स्मगलर को पकड़ती है उससे पूछती है कि कौन अफसर की उन की मदद कर रहा था। तब उस समय सरकार उस पर क्यों नहीं कार्रवाई करती? अगर स्मगलर को अंदर किया जाता है तो स्मगलिंग कराने वालों को भी अंदर जाना चाहिए। तभी सिस्टम सुधर सकता है। आज हर मलाईदार सीट पर इन भ्रष्ट अफसरों का एकछत्र राज है यह वह अफसर है जो अपनी मर्जी से कहीं भी आ जा सकते है। इनके गॉडफादर इतने पावर फूल है कि जहां चाहे पोस्टिंग हो जाती है। अभी सरकार ने 15 अफसरों को जबरन रिटायर्ड किया। लेकिन अभी लिस्ट उजागर नहीं की यह कौन है अगर सरकार को इतनी शर्म आती है अपने भ्रष्ट अफसरों को निकालने में नामों को भी कंफर्म नहीं किया कि इनको निकाला भी गया है या नहीं। अगर इन भ्रष्ट अफसरों को इज्जत का इतना ही डर है तो ऐसे काम क्यों किये जाते है।

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