बिलासपुर: सेंट्रल एक्साइज के सर्विस टैक्स विभाग ने रेलवे से सर्विस टैक्स की मांग की है। इसके लिए विभाग ने जोन कार्यालय को पत्र लिख कर सर्विस टैक्स स्थानीय कमिश्नरी में जमा करने को कहा है। रेलवे यात्रियों के टिकट पर सर्विस टैक्स लेता है। जिसे अब तक बुक एडजस्टमेंट के तहत सर्विस टैक्स मंत्रालय में जमा किया जाता था।
रेलवे ने नहीं भेजा पत्र का जवाब
पिछली केन्द्र सरकार ने सर्विस टैक्स में बड़ा फेरबदल करते हुए रेल सेवा को भी सर्विस टैक्स के दायरे में लाया था। इसके बाद से रेलवे अपने यात्रियों से किराये में सर्विस टैक्स जोड़ कर टिकट के साथ वसूल करता है। यह टैक्स सीधे वित्त मंत्रालय को जाता था। अब सर्विस टैक्स की स्थानीय इकाई ने रेलवे को पत्र लिखकर इसी पैसे की मांग की है।
सर्विस टैक्स विभाग ने लिखा है कि साउथ ईस्ट सेंटर रेलवे का मुख्यालय बिलासपुर में है जो बिलासपुर सर्विस टैक्स कमिश्नरी के क्षेत्र में आता है। इसलिए रेलवे को सर्विस टैक्स स्थानीय शाखा में जमा करना चाहिए। रेलवे ने अभी सर्विस टैक्स विभाग के पत्र का जवाब नहीं भेजा है।
बुक एडजस्टमेंट से जमा होता है टैक्स
अब तक रेलवे सर्विस टैक्स बुक एडजस्टमेंट के तहत सीधे केंद्रीय वित्त मंत्रालय में टैक्स जमा करता है। ऐसे में सर्विस टैक्स के पत्र के बाद स्थानीय शाखा में टैक्स जमा करने की संभावना कम ही है। रेलवे अपने कर्मचारियों का आयकर भी बुक एडजस्टमेंट के तहत इनकम टैक्स विभाग में जमा करता है।
हर माह 35 करोड़ होता है टैक्स
रेलवे को मिलने वाले यात्री किराए, मालभाड़े आदि से होने वाली आय के एवज में हर महीने 35 करोड़ रुपए सर्विस टैक्स सेंट्रल एक्साइज को मिलता है। यह रकम स्थानीय विंग में मिलने पर राजस्व स्थानीय दफ्तर के खाते में जाएगा। इसके लिए ही स्थानीय सर्विस टैक्स विभाग ने रेलवे को पत्र लिखा है।
मंत्रालय ने दिया निर्देश
सर्विस टैक्स विभाग का टैक्स जमा करने के संबंध में पत्र मिला था। मंत्रालय को पत्र लिखकर इस संबंध में दिशा निर्देश की मांग की गई थी। मंत्रालय ने बुक एडजस्टमेंट के तहत ही टैक्स जमा करने का निर्देश दिया है।
….आरके अग्रवाल, सीपीआरओ रेलवे
स्रोत : पत्रिका